निगम हुआ फेल, ट्रैफिक पुलिस उतरी लावारिस पशुओं को पकड़ने
शहर की सड़कों पर मौत के यमदूत बनकर घूम रहे लावारिस पशुओं को भी कंट्रोल करेगी।
नितिन सिगला, बठिडा : बठिडा पुलिस अब क्राइम व ट्रैफिक के साथ-साथ शहर की सड़कों पर मौत के यमदूत बनकर घूम रहे लावारिस पशुओं को भी कंट्रोल करेगी। इतना ही नहीं बठिडा ट्रैफिक पुलिस इन लावारिस पशुओं को पकड़कर नजदीकी गोशाला छोड़कर आएगी, ताकि सड़कों पर घूम रहे इन लावारिस पशुओं की वजह से किसी बेकसूर व्यक्ति की जान न जो सके या फिर हादसा का शिकार न हो सके। यह काम पुलिस ने अपने स्तर पर लोगों की मदद से करेगी। पशुओं को पकड़कर गोशाला छोड़ने की मुहिम की शुरुआत ट्रैफिक पुलिस ने वीरवार शाम को थाना कैनाल कालोनी के समीप से पशुओं को पकड़कर की। डीएसपी सिटी वन व ट्रैफिक गुरजीत सिंह रोमाणा की अगुवाई में पुलिस कर्मचारियों की टीम ने सड़क पर घूम रहे पशुओं को पकड़ा और ट्रालियों की मदद से डबवाली रोड स्थित गोशाला में भेजे गए है। हालांकि, पहले दिन ने पुलिस ने केवल चार पशुओं को पकड़कर ही गोशाला भेजा है,लेकिन पुलिस अगले सप्ताह से पूरी तैयारी के साथ सड़कों से पशुओं को पकड़ने का काम करेगी। इस बाबत शुक्रवार को डीएसपी ट्रैफिक ने शहर में स्थित सभी गोशाला पदाधिकारियों की मीटिग भी बुलाई है,ताकि पकड़े जाने वाले पशुओं की सेवा संभाल के बारे में बातचीत की जा सके। इस मुहिम की अगुवाई कर रहे डीएसपी गुरजीत सिंह रोमाणा का कहना है कि शहर को एक्सीडेंटल फ्री बनाने के लिए यह मुहिम की शुरूआत की गई है, ताकि हररोज इन पशुओं की वजह से होने वाले हादसों को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि इस मुहिम आम पब्लिक के सहयोग से शुरू की गई है।
काम निगम का, कर रही ट्रैफिक पुलिस प्रदेश में यह पहला मामला होगा, जब पुलिस अपराधियों को पकड़ने के अलावा आवारा पशुओं को भी पकड़ेगी। हालांकि, सड़कों पर घूम रहे इन पशुओं को पकड़ने की जिम्मेदारी नगर निगम बठिडा की है। इसके लिए निगम शहरवासियों से काउसेस भी वसूल करता है। निगम के रिकार्ड के मुताबिक हरसाल एक करोड़ से ज्यादा काउ सेस निगम को एकत्र होता है, जोकि केवल इन पशुओं की सेवा संभाल व इनके पकड़ने पर खर्च करने होते है, लेकिन जिस प्रकार से बठिडा में यह समस्या गंभीर होती जा रही है, वहीं निगम इस समस्या से राहत दिलाने में फेल होता नजर आ रहा है। हालांकि, निगम का दावा है कि वह हररोज शहर के विभिन्न एरिया से पशुओं को पकड़कर गोशाला भेज रहे है, लेकिन निगम अधिकारियों पर काउसेस के फंड का दुरुप्रयोग कर घोटाला करने व पशुओं को पकड़ने का ड्रामा करने के आरोप लगातार लगते रहे है। शायद यही वजह है कि पुलिस को लावारिस पशुओं को पकड़ने के लिए मैदान में उतरना पड़ रहा है। ट्रैफिक कर्मचारियों को आदेश अपनी बीट में नहीं घूमने दें पशु सड़क हादसों की मुख्य वजह बन रहे इन आवारा पशुओं से शहरवासियों व राहगीरों को मुक्ति दिलाने के लिए बठिडा पुलिस ने यह पहल की है। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले डीएसपी ट्रैफिक ने शहर के सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों से मीटिग कर शहर को एक्सीडेंटल फ्री बनाने के लिए विचार विमर्श किया था। जिसमें सड़कों पर घूम रहे आवारा पशुओं का मुद्दा उठाया था और उसमें इनके ठोस हल करने पर बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि इस मीटिग में डीएसपी ट्रैफिक ने सभी ट्रैफिक पुलिस कर्मचारियों को अपनी-अपनी बीट के मुताबिक आवारा पशु मुक्त करने के आदेश दिए गए। उन्होंने कहा गया कि अगर कोई आवारा पशु सड़क के बीच घूम रहे है, तो उसे साइड करे और रेस्क्यू कर गोशाला भेजा जाए। सभी ट्रैफिक कर्मी अपनी बीट को आवारा पशुओं मुक्त करने के लिए वचनवद्ध होंगे। ट्रैफिक पुलिस ने अपने स्तर पर शुरू की है मुहिम
एसएसपी बठिडा डॉ. नानक सिंह का कहना है कि पुलिस ने कोई विशेष मुहिम शुरू नहीं की है। ट्रैफिक पुलिस ने अपने स्तर पर समाजसेवा के खातिर पशुओं को पकड़ने की मुहिम शुरू की है, इसके लिए विभाग की तरफ से कोई आदेश नहीं दिए गए है।