पंजाब से 120 किमी. दूर पहुंचा टिड्डी दल, खतरा जुलाई तक बरकरार
-- पंजाब में हमले की संभावना काफी कम हुई लेकिन खतरा जुलाई माह के अंत तक बरकरार सुभाष चंद्र बठिडा पंजाब से राजस्थान की तरफ बीते वीरवार की शाम को चली आंधी और तेज हवाओं की बदौलत अब टिड्डी दल के हमले की संभावनाएं काफी कम हो गई हैं। जो टिड्डी दल बीते वीरवार की दोपहर तक बठिडा से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर था वह आज यहां से 120 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच गया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : पंजाब से राजस्थान की तरफ बीते वीरवार की शाम चली आंधी और तेज हवाओं की बदौलत अब टिड्डी दल के हमले की संभावनाएं कम हो गई हैं। जो टिड्डी दल वीरवार की दोपहर तक बठिडा से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर था, वह आज यहां से 120 किलोमीटर की दूरी पर पहुंच गया है। बेशक हवा के रुख के साथ टिड्डी दल के दूर पहुंच जाने से पंजाब में हमले की संभावनाएं कम हो गई हैं, लेकिन इसके बावजूद खेतीबाड़ी विभाग के अनुसार यह खतरा जुलाई के अंत तक बना रहेगा। कृषि विभाग अभी भी न केवल ज्यों की त्यों मुस्तैद है, बल्कि पुलिस प्रशासन से ड्रैगन लाइट्स का प्रबंध करने में भी जुटा हुआ है। हरियाणा के साथ लगती सीमाओं के चार गांवों में फायर ब्रिगेड गाड़ियां भी उसी तरह से तैनात हैं। पंजाब-हरियाणा सीमा पर स्थित गांव डूमवाली के बैरियर पर भी खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारियों की टीम तैनात है।
रावतसर के पास गांवों में पहुंचा टिड्डी दल : डबवाली के पास डूमवाली के बैरियर पर तैनात खेतीबाड़ी विभाग के संगत ब्लॉक के मुख्य अधिकारी डॉ. आसमानप्रीत सिंह सिद्धू ने बताया कि राजस्थान सरकार के कंट्रोल आपरेशन और पंजाब से राजस्थान की तरफ चली आंधी व तेज हवाओं की बदौलत टिड्डी दल अब रावतसर के पास स्थित भगवानपुरा , ध्यान दास (हनुमानगढ़) आदि गांवों में पहुंच गया है। यह गांव बठिडा से करीब 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहले यह टिड्डी दल बठिडा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर संगरिया के पास था। वैसे राजस्थान सरकार के कंट्रोल आपरेशन ने टिड्डी दल पर 80 फीसद तक काबू पा लिया है और उनका यह आपरेशन अभी भी चल रहा है। टिड्डी दल के पीछे ही लौट जाने से अब पंजाब में हमले के आसार काफी कम हो गए हैं परंतु फिर भी जिले का खेतीबाड़ी विभाग के अधिकारी पहले की तरह ही चौकस और मुस्तैद हैं।