मंदिरों के बजाय इस बार अधिकतर लोगों ने घर पर मनाई जन्माष्टमी
कोरोना के चलते ज्यादातर लोगों ने घर पर ही जन्माष्टमी के पावन अवसर पर बाल गोपाल को झूला झुलाया । मंदिरों से किसी प्रकार की झाकियां नहीं निकाली गई। हालांकि रंगबिरंगी लाइटें चार चांद लगा रही थीं।
संस, बठिडा: कोरोना के चलते ज्यादातर लोगों ने घर पर ही जन्माष्टमी के पावन अवसर पर बाल गोपाल को झूला झुलाया । मंदिरों से किसी प्रकार की झाकियां नहीं निकाली गई। हालांकि रंगबिरंगी लाइटें चार चांद लगा रही थीं। शहर के सभी मंदिरों को रंगबिरंगी लाइटें और फूलों से सजाया गया था। सुबह से ही मंदिरों में धार्मिक पूजा सत्संग का आयोजन तो किया गया, लेकिन कार्यक्रमों में ज्यादा भीड़ इकट्ठी नहीं होने दी गई।
प्रशासन ने रात एक बजे तक मंदिरों में भक्तों की एंट्री पर पाबंदी तो हटा दी लेकिन मंदिरों में अधिक श्रद्धालुओं को अंदर नहीं जाने दिया गया। बाद में भक्तों ने मक्खन-मिश्री का प्रसाद लिया। शहर के श्री चैतन्य गौड़ीय मठ, श्री सनातन धर्म सभा के हाथी वाला मंदिर, मैहना चौक स्थित शिव मंदिर, माडल टाउन स्थित दुर्गा मंदिर, अमरीक सिंह रोड पर स्थित श्री अन्नपूर्णा वैष्णो मंदिर, पटेल नगर स्थित माता वैष्णा मंदिर, गणेश बस्ती स्थित दुर्गा मंदिर, शिव कॉलोनी स्थित शिव मंदिर सहित विभिन्न स्थानों पर जन्माष्टमी मनाई गई। रात 12 बजे कृष्ण जी का अभिषेक किया गया। इसके साथ ही शहर के प्रसिद्ध मंदिर चैतन्य गौड़ीय मठ में श्री कृष्ण जी के लाइफ दर्शन दिखाए गए। इसके अलावा दोपहर में सत्संग कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मदर्स प्राइड स्कूल
मदर्स प्राइड स्कूल की तरफ से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कोविड 19 की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मनाया गया। इस दौरान स्कूल की प्रधानध्यापिका डॉ. मनवीन कौर ने बताया कि सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए स्कूल के स्टाफ के साथ मिलकर यह पर्व धूमधाम से मनाया गया। स्कूल द्वारा इलेक्ट्रानिक मीडिया का उपयोग करते हुए ऑनलाइन लिक भेजा गया। इसमें बच्चों के साथ माता-पिता ने भी भाग लिया। स्कूल की प्रधानध्यापिका ने बच्चों को ऑनलाइन प्रेरित करते हुए बताया कि श्री कृष्ण के कर्म व वचन के समय में जनमानस के लिए नेक संदेश है। अंत में कृष्ण जी के आरती की गई। इसके बाद प्रसाद बांटा गया।