बठिंडा में इस बार मैदानों में नहीं गली-मोहल्लों में होगा रावण दहन
इस बार कोरोना का ग्रहण रावण दहन पर भी नजर आएगा। ऐसा पहली बार होगा जब जिले में रावण दहन की परंपरा टूटेगी। इनमें सबसे ज्यादा चर्चित रेलवे ग्राउंड का दशहरा होता था। इस का आयोजन रेलवे विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पिछले 70 साल से कर रहे थे।
बठिंडा [ज्योति बबेरवाल]। इस बार कोरोना का ग्रहण रावण दहन पर भी नजर आएगा। ऐसा पहली बार होगा जब जिले में रावण दहन की परंपरा टूटेगी। इनमें सबसे ज्यादा चर्चित रेलवे ग्राउंड का दशहरा होता था। इस का आयोजन रेलवे विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पिछले 70 साल से कर रहे थे। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते रेलवे ग्राउंड में भी पहली बार रावण के पुतले का दहन नहीं होगा।
शहर में आधा दर्जन से ज्यादा स्थानों पर मनाया जाने वाला दशहरा मेला प्रबंध कमेटी ने कोरोना संक्रमण के चलते यह फैसला लिया है। संक्रमण को लेकर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ऐसे सभी आयोजनों पर फिलहाल रोक है, जिसमें लोगों की भीड़ जमा हो। इसके चलते दशहरा मेला प्रबंध कमेटी ने दशहरा मेले पर होने वाले रावण दहन कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। रेलवे यूनियन की अगुआई में होने वाले दशहरा मेले में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के बड़े-बड़े पुतले दहन किए जाते थे, लेकिन इस बार शहर कोरोना महामारी और संक्रमण के चलते रावण दहन की यह परंपरा टूटेगी।
रेलवे ड्रामाटिक क्लब के प्रधान ठाकुर दत्त का कहना है कि पहली बार होगा जबकि शहर में रावण दहन नहीं होगा। यहीं नहीं, शहर में करीब दस से ज्यादा प्रमुख रावण दहन के छोटे बड़े आयोजन भी नहीं होंगे। वहीं दूसरे राज्यों से विशेष कलाकार आकर रावण, मेघनाद व कुंभकर्ण का आकर्षक पुतला बनाते थे। इसी तरह प्रताप नगर दशहरा ग्राउंड में दशहरा मेले का आयोजन करने वाले पूर्व पार्षद विजय कुमार शर्मा ने बताया कि 20 साल में पहली बार होगा कि वह रावण दहन का आयोजन दशहरा मैदान में नहीं होगा। यहां शहर का सबसे बड़ा रावण दहन होता था।
इसी तरह, एमएसडी स्कूल, थर्मल कालोनी, एनएफएल कालोनी, माडल टाउन समेत अन्य छोटे-मोटे स्थानों पर होने वाले रावण दहन करने का कार्यक्रम कोरोना संक्रमण की वजह से रद कर दिए गए है। दशहरा पर विभिन्न स्थानों पर किया जाने वाला रावण दहन व आतिशबाजी कार्यक्रम इस बार नहीं होगा। इस बार गली-मोहल्ले में दशहरे का पर्व मनाने के लिए बाजारों में छोटे से लेकर बड़े रावण तक बनाकर बेचे जा रहे हैं। इसे लेकर लोगों भी उत्साहित नजर आ रहे हैं। इन पुतलों की कीमत करीब सौ रुपये से शुरू होकर हजार रुपये तक की है।
दुकानदार सतीश ने बताया कि पूरे बाजार में वह अपने भाई के साथ मिलकर इस रावण का निर्माण करता है। इस बार कोरोना के चलते दशहरा नहीं मनाया जाएगा, इसलिए इन रावणों की अधिक खरीदारी हो रही है।
रेलवे ग्राउंड में नहीं जलेगा रावण
रेलवे ड्रामाटिक क्लब के प्रधान ठाकुर दत्त ने बताया कि सबसे पुराना क्लब रेलवे ड्रामेटिक क्लब जोकि करीब 108 सालों से रामलीला व दशहरा मना रहा है। लेकिन इस बार दशहरा का आयोजन रेलवे ग्राउंड में नहीं किया जाएगा। प्रधान ठाकुर दत्त ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि रेलवे द्वारा इतने बड़े त्योहार दशहरे का आयोजन नहीं किया जा रहा। ऐसा कोई करना नहीं चाहता था, लेकिन कोरोना के कारण ऐसा करना पड़ रहा है।
कोरोना के कारण नहीं होंगे कार्यक्रम
एमएसडी स्कूल के प्रधान राजन गर्ग ने इस बात का मलाल है कि दशहरा का पर्व इस बार नहीं मनाया जाएगा। पहले दशहरे को लेकर स्कूल में भी गतिविधियां करवाई जाती थी। लेकिन कोरोना के कारण दशहरा का पर्व धूमधाम से नहीं मनाया जाएगा।
सरकार की गाइडलाइन को हो रहा पालन
एसएसडी सभा के प्रधान प्रमोद मित्तल ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन मुताबिक ज्यादा भीड़ इकट्ठी नहीं करनी। वहीं अगर दशहरे की बात की जाए तो त्योहार के दिन हजारों लोग आ जाते हैं। इस कारण यह फैसला लिया गया है कि दशहरा पर पुतलों का दहन नहीं होगा।
कमेटी ने आयोजन न करने का लिया फैसला
माडल टाउन फेस वन में आयोजित होने वाले दशहरा कमेटी के मेंबर रमेश गर्ग ने बताया कि दशहरे में काफी संख्या में लोगों को भीड़ इकट्ठी हो जाती है। अगर ज्यादा भीड़ हो गई तो इसे संभालना आसान कार्य नहीं होगा। कमेटी द्वारा फैसला लिया गया है कि इस बार दशहरा नहीं मनाया जाएगा।