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600 ग्राम तक पुश्तैनी जेवर रखना हर परिवार का कानूनी अधिकार : करतार जौड़ा

जिले के समूह ज्वैलर्स की मीटिग पंजाब स्वर्णकार संघ के हेडऑफिस सिरकी बजार में प्रधान मनमोहन सिंह कुक्कू की प्रधानगी में हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Nov 2019 11:39 PM (IST)Updated: Sat, 23 Nov 2019 11:39 PM (IST)
600 ग्राम तक पुश्तैनी जेवर रखना हर परिवार का कानूनी अधिकार : करतार जौड़ा
600 ग्राम तक पुश्तैनी जेवर रखना हर परिवार का कानूनी अधिकार : करतार जौड़ा

जासं, बठिडा : जिले के समूह ज्वैलर्स की मीटिग पंजाब स्वर्णकार संघ के हेडऑफिस सिरकी बजार में प्रधान मनमोहन सिंह कुक्कू की प्रधानगी में हुई। जिसमें पिछले कुछ दिनों से केंद्र सरकार के आधार पर सोशल मीडिया पर चलाई जा रही अफवाह के बारे में चर्चा की गई। इस अफवाह में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार देश के साधारण परिवारों के पास पड़े पुराने जेवरों के लिए पूछताछ करने का कानून बना रही है। मीटिग में पहुंचे पंजाब स्वर्णकार संघ के प्रदेश प्रधान तथा आल इंडिया के वाइस प्रधान करतार सिंह जौड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से ऐसा कोई भी कानून नहीं बनाया जा रहा है, जिसमें आम परिवारों में घरेलू इस्तेमाल वाले सोने के पुराने जेवरों की पूछताछ होगी। केंद्र सरकार के फाइनांस और कारपोरेट स्टेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा है कि सरकार द्वारा देश में सोने के जेवरों संबंधी कोई कानून नहीं बनाया जा रहा है। करतार जौड़ा ने कहा कि कुछ दिन पहले अफवाह फैलाई जा रही थी कि केंद्र सरकार नोटबंदी के बाद अब सोने के जेवरों संबंधी नया कानून बना रही है, जोकि सरासर झूठी और बेबुनियादी है। केंद्र सरकार की तरफ से बीते कुछ सालों के वेल्थ टैक्स और इंकमटैक्स रूल्स अनुसार किसी भी परिवार की विवाहित महिलाओं को 500 ग्राम (50 तोले सोने) के जेवर, अविवाहित महिलाओं के लिए 250 ग्राम (25 तोले) सोने के जेवर और पुरुष के लिए 100 ग्राम (10 तोले) सोने के जेवर रखने का कानूनी अधिकार है। इस विषय पर बहुत बार कानूनी फैसले हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश के आम परिवारों में दंपती के पास 600 ग्राम सोने के पुश्तैनी और परिवारिक जेवर हों, तो यह जेवर रखना परिवार का कानूनी अधिकार है। इस बात का कोई बोझ ना समझें कि उनके जेवरों की पुरानी खरीद के बिल या रिकॉर्ड संबंधी सरकार पूछताछ करेगी। कोई भी सरकार देशवासियों पर ऐसा कानून नहीं थोपेगी, जिससे देश की रिवायत तथा सभ्याचार पर कोई ठेस पहुंचती हो।

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