मां-बेटी ने हाथ की नसें काटकर की झील में कूदने की कोशिश
बसंत विहार की मां-बेटी ने बुधवार की दोपहर को अपने हाथों की नसें काटकर थर्मल प्लांट स्थित झीलों में कूदने की कोशिश की। लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें उसी समय कूदने से रोक लिया और सहारा जनसेवा की टीम को बुलाकर उन्हें जिला सिविल अस्पताल में दाखिल कराया। परिजन महिला को मानसिक रूप में परेशान बता रहे हैं। जिसकी चंडीगढ़ से इलाज भी चलता बताया जा रहा है। उपचार के उपरांत परिजनों को दोनों को सिविल अस्पताल से घर ले गए हैं।
- लोगों ने दोनों को कूदने से बचाया, सहारा टीम ने कराया सिविल अस्पताल में दाखिल, उपचार के बाद परिजन दोनों को घर ले गए
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा
बसंत विहार निवासी मां-बेटी ने बुधवार दोपहर अपने हाथों की नसें काट लीं। दोनों ने थर्मल प्लांट स्थित झीलों में कूदने की कोशिश की। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें बचाया। सहारा जनसेवा की टीम ने दोनों को सिविल अस्पताल में दाखिल कराया है। परिजन महिला को मानसिक रूप से परेशान बता रहे हैं। उपचार के उपरांत परिजन दोनों को सिविल अस्पताल से घर ले गए हैं।
सहारा जनसेवा के अध्यक्ष विजय गोयल ने बताया कि बुधवार दोपहर को करीब 12 बजे सूचना मिली कि मां-बेटी थर्मल प्लांट की झीलों में कूदने की कोशिश कर रही हैं। महिला करीब 45 वर्ष की है, जबकि उसकी बेटी 11 वर्ष की है। दोनों ने अपने हाथों की नसें भी काटने की कोशिश की है। हाथ लहूलुहान हैं।
उनकी टीम के सदस्य मनीकरण शर्मा व संदीप गिल तुरंत झील पर पहुंचे। उन्होंने फर्स्ट एड देकर बह रहे खून को रोका। उसके उपरांत मां-बेटी को जिला सिविल अस्पताल में दाखिल कराया। कुछ समय बाद घायलों के परिजन और अन्य लोग भी सिविल अस्पताल पहुंच गए। परिजनों ने बताया कि महिला मानसिक रूप में परेशान रहती है। उसका चंडीगढ़ से इलाज भी चल रहा है। इसी दिमागी बीमारी के चलते ही पहले उसने अपने हाथ की नस काटने की कोशिश की और उसके बाद बेटी की। उधर, सूत्रों की मानें तो मां-बेटी ने पारिवारिक कलह के चलते ऐसा किया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अगर थर्मल की झीलों पर लोग मौजूद न होते तो दोनों ने उसमें कूद जाना था।