काम पर नहीं लौटे सफाई सेवक, हड़ताल जारी
मिनी टिप्परों और पब्लिक शौचालयों पर काम करने वाले ठेका सफाई कर्मचारी अब भी स्थायी नौकरी की मांग पर अड़े हुए हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा: मिनी टिप्परों और पब्लिक शौचालयों पर काम करने वाले ठेका सफाई कर्मचारी अब भी स्थायी नौकरी की मांग पर अड़े हुए हैं। बुधवार को भी करीब 370 ठेका सफाई कर्मी काम पर वापस नहीं लौटे। उन्होंने टिप्पर खड़े करने वाली जगह पर पहले की तरह ही अपना धरना जारी रखा। इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार, स्थानीय निकाय विभाग के अलावा वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
यूनियन के नेताओं बलविदर बंटी, दीपक कुमार, रिकू कुमार आदि ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, उनका संघर्ष इसी तरह से लगातार जारी रहेगा। वे किसी भी हालत में काम पर नहीं लौटेंगे और अपनी मांग की पूर्ति तक संघर्ष को न केवल इसी तरह से जारी रखेंगे, बल्कि इसे और भी ज्यादा तेज किया जाएगा। बतां दें कि शहर के घरों और व्यापारिक संस्थानों से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाले करीब सवा तीन सौ कर्मचारी और पब्लिक शौचालयों पर काम करने वाले करीब 40 कर्मचारी पिछले सात दिनों से स्थायी करने की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। यह सभी लोग एक ठेकेदार के माध्यम से कांट्रैक्ट पर काम करते हैं। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के लिए निगम ने की तैयारी
उधर, नगर निगम की ओर से सफाई व्यवस्था को सुचारू करने की लिए कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। जहां शहर के डंपों पर इकट्ठा हुआ कचरा उठाने के लिए बीते रविवार को ही अपने स्थायी कर्मचारियों को ट्रैक्टर ट्रालियां लेकर सड़कों पर उतार दिया था। वहीं अब घरों से डोर टू डोर कचरा उठाने के लिए भी 20 और ट्रैक्टर ट्रालियों को लेकर शहर की गलियों में लगा दिया है। इससे हालांकि कुछ राहत तो मिलने लगी है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। नगर निगम ने ठेकेदार पर दबाव डालकर भी शहर के पब्लिक शौचालयों को खुलवाने का काम शुरू कर दिया है। हालांकि निगम के इस कदम का हड़ताल पर चल रहे कर्मचारियों की ओर से कड़ा विरोध किया जा रहा है।