जिसका डर था वही हुआ, स्लज कैरियर के टूटने के साथ ही डूबा शहर
शहर के सीवरेज एवं बरसाती पानी की निकासी के लिए बना हुआ स्लज कैरियर फिर से टूट गया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : जिसका डर था, वही हुआ। शहर के सीवरेज एवं बरसाती पानी की निकासी के लिए बना हुआ स्लज कैरियर फिर से टूट गया है। वैसे यह कोई नई घटना नहीं है। दैनिक जागरण ने बीती चार जून को ही बारिश के दिनों में फिर डूबेगा शहर अपने प्रमुख समाचार से चेता दिया था। जल निकासी के लिए न तो राइजिग मेन का निर्माण कार्य मुकम्मल हो सका है और न ही 35 वर्ष से अधिक पुराने खस्ताहाल स्लज कैरियर को रिपेयर करके मजबूत किया जा सका है। हालांकि नगर निगम की ओर से इसे मजबूत करने के प्रत्येक वर्ष दावे किए जाते हैं। लेकिन यह दावे प्रत्येक मानसून में डूबकर रह जाते हैं। बीते जून माह में निगम के एसडीओ रमन कुमार ने दावा किया था कि स्लज कैरियर की स्ट्रेंथनिग का 60 फीसद काम मुकम्मल पूरा कर लिया है। बाकी कार्य तेज गति से चल रहा है। स्लज कैरियर में दरार के
साथ ही टूट जाते हैं लाखों लोग लेकिन पिछले तीन वर्षों के दौरान इसके टूटने की यह नौवीं घटना हो चुकी है। मानसून की बरसात में इसका टूटना तय हो चुका है। पिछले वर्ष तो यह मानसून और प्री मानसून दोनों में टूट चुका है। अप्रैल में टूटने के बाद फिर जुलाई माह में भी टूट गया। इस बार भी यह गांव गहरी भागी और मेहता के दरम्यान ही टूटा है। लेकिन यह जब भी टूटता है तो शहर के उन लाखों लोगों को भी तोड़कर रख देता है, जोकि खास तौर पर जलभराव वाले क्षेत्रों में रहते हैं। क्योंकि स्लज कैरियर में दरार पड़ने के साथ ही जल निकासी के लिए लगी तमाम मोटरें बंद कर दी जाती हैं। ताकि जहां पड़ी दरार को जल्दी भरा जा सके, वहीं किसी और स्थान पर भी दरार न पड़ जाए। लेकिन मोटरें बंद करने से निचले क्षेत्रों के साथ वह इलाके भी पानी में डूब जाते हैं, जहां आम तौर जलभराव नहीं होता है।
सोमवार की रात से लगातार हो रही बरसात का पानी बूढ़ा स्लज कैरियर झेल नहीं पाया और करीब दस बजे गांव गहरी भागी व मेहता के नजदीक पटरी पर लगे पेड़ के गिरने के साथ ही टूट गया। देखते ही देखते सौ फुट से भी अधिक लंबी दरार पड़ गई। इसकी जानकारी करीब साढ़े दस बजे निगम अधिकारियों को मिली तो तुरंत मुख्य डिस्पोजल समेत अन्य डिस्पोजलों की मोटरों को बंद करा दी गईं। जिससे पूरे शहर के बरसाती पानी की निकासी ठप होकर रह गई। दरार को भरने के लिए निगम एक्सईएन दविदर जौड़ा, जेई कमल कुमार व पवन कुमार मौके पर पहुंचे और दरार भरने का कार्य शुरू कराया। देर शाम तक स्लज कैरियर की दरार भरने का कार्य जारी था। इसके कारण मेन डिस्पोजल की सभी मोटरें चालू नहीं की जा सकी थीं। शाम को 80 एचपी की मात्र एक मोटर ही चालू की गई थी।