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वन टाइम पॉलिसी पर कहीं भारी न पड़ जाए सेटलमेंट

राज्य में अवैध बि¨ल्डगों को वैध करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बनाई गई नई वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी से नगर निगम को हालांकि इसके लागू होने से कम से कम 50 करोड़ रुपये की आय होने की आशा है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 12:52 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 12:52 AM (IST)
वन टाइम पॉलिसी पर कहीं भारी न पड़ जाए सेटलमेंट
वन टाइम पॉलिसी पर कहीं भारी न पड़ जाए सेटलमेंट

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : राज्य में अवैध बि¨ल्डगों को वैध करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से बनाई गई नई वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी से नगर निगम को कम से कम 50 करोड़ रुपये की आय होने की आशा है। हालांकि यह पॉलिसी अभी आई नहीं है और अगले सप्ताह तक आने की उम्मीद जताई जा रही है। अधिकारी उच्चाधिकारियों को फोन कर पॉलिसी आने के बारे में लगातार जानकारी हासिल कर रहे हैं।

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इधर, निगम की बि¨ल्डग शाखा की ओर से पिछले करीब दो माह से तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इन तैयारियों के बीच ही यह भी भय सता रहा कि इसे लागू करने के दौरान कहीं लोकसभा चुनाव और इन अवैध बि¨ल्डगों के निर्माण के समय हुई कथित सेटलमेंट उनकी 50 करोड़ रुपये की आय की आशा के आकलन पर भारी न पड़ जाए। हालांकि निगम अधिकारियों का मानना है कि बहुतेरे लोग अपने अवैध निर्माण को वैध कराने में दिलचस्पी दिखा रहे, लेकिन कई विवाद भी खड़ा सकते हैं। इसके बावजूद इस आशा और आशंका के बीच बि¨ल्डग ब्रांच पॉलिसी आने से पहले पहले सर्वे को मुकम्मल करने में जुटी है।

बि¨ल्डग ब्रांच अब तक लगभग 672 बि¨ल्डगों की पैमाइश

बि¨ल्डग ब्रांच अब तक शहर में 67 बड़े निजी अस्पतालों, 53 होटलों, 25 कार शो रूम्स , 27 बैंकों की बि¨ल्डगों की पैमाइश के अलावा माल रोड, धोबीआना रोड, बरनाला बाइपास रोड, अमरीक ¨सह रोड, अजीत रोड, 100 फुटी रोड पावर हाउस रोड, जीटी रोड आदि पर स्थित लगभग 500 कॉमर्शियल बि¨ल्डगों की पैमाइश कर चुकी है। हालांकि उक्त सभी रोड पर पैमाइश का काम मुकम्मल नहीं हुआ है। काम अभी जारी है। शहर में बेशक पिछले करीब 10 वर्षों के दौरान करीब 300 अवैध बि¨ल्डगों का निर्माण हुआ माना जाता है, लेकिन निगम फिलहाल केवल बड़ी बि¨ल्डगों का ही सर्वे कर रहा है।

निगम को अवैध बि¨ल्डगों से 50 करोड़ आने की उम्मीद

अभी अवैध निर्माणों को वैध करने संबंधी फीस की पॉलिसी के न आने के कारण कोई जानकारी नहीं है। इसलिए फिलहाल इनसे आय का सही अनुमान लगा पाना मुश्किल है। परंतु फिर भी सभी अधिकारी पैसा इकट्ठा होने के अपना अपना अनुमान लगाए जा रहे हैं। इस दौरान कम से कम 50 करोड़ रुपये आने की उम्मीद जताई जा रही है। गौरतलब है कि इस आय की उम्मीद पर ही बीते दिनों हुई जनरल हाउस की बैठक में 72 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव पारित किए गए हैं।

सियासी प्रभाव और मिलीभगत से ही हुए अवैध निर्माण

बेशक वरिष्ठ अधिकारी राज्य के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू की सख्ती के चलते यह आय आने के लिए पूरी तरह से आश्वस्त हैं। लेकिन निगम से जुड़े लोग ही इस आय को हासिल कर पाना इतना आसान नहीं मान रहे हैं। उनका मानना है कि जहां लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, वहीं पिछले 10 वर्षों के दौरान यह अवैध निर्माण भी सियासी प्रभाव और कुछ अधिकारियों की कथित मिलीभगत के साथ ही हुए हैं। इसलिए जब इस पॉलिसी को लागू किया जाएगा तो कथित सेटलमेंट के साथ अवैध निर्माण करने वाले अनेक लोग चुप नहीं बैठेंगे और तीखे सवाल करेंगे। अधिकारियों ने अगर सख्ती बरतने की कोशिश की तब भी सियासी दबाव भारी पड़ेगा। अगर अवैध निर्माण को वैध करने की फीस अत्याधिक हुई तब भी निगम अधिकारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। जबकि लोकसभा चुनाव भी सिर पर है। चुनाव में सख्ती हमेशा सत्ताधारी नेताओं को भारी पड़ती है। इसलिए संभवत इस पॉलिसी को चुनाव संपन्न होने के बाद ही सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। इसीलिए कहा जा रहा है कि पॉलिसी आने के बाद अवैध निर्माण को वैध करने के लिए पांच माह का समय दिया जाएगा।


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