फार्मासिस्टों ने रेगुलर करने की मांग को लेकर खोला मोर्चा
ग्रामीण सेहत फार्मासिस्टों ने रेगुलर करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जासं, बठिडा : पंचायत विभाग के अधीन ठेके पर काम करते ग्रामीण सेहत फार्मासिस्टों ने रेगुलर करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फार्मासिस्टों ने आरोप लगाया कि आपातकालीन सेवाओं में काम लेने के बावजूद उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है। वही बार-बार हरियाणा सरकार की तर्ज पर इमरजेंसी में उन्हें रेगुलर करने की बात की जा रही है लेकिन इसे पूरा करने की बजाय लगातार लटकाया जा रहा है। सरकार की निरसता के चलते उन्हें कोविड जैसी बीमारी के बीच में काम के साथ आंदोलन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। सोमवार को समूह फार्मासिस्टों ने एक दिन के लिए सभी इमरजेंसी सेवा ठप्प करने की घोषणा की थी। रूरल फार्मेसी अफसर एसोसिएशन के जिला प्रधान सुनील गर्ग ने बताया कि फार्मासिस्ट पिछले 14 साल से मामूली वेतन पर ठेके के अधीन काम कर रहे हैं। इसमें सरकार उन्हें पक्का करने का हर बार आश्वासन देती है लेकिन इसे जमीनी स्तर पर लागू नहीं कर रही है। वर्तमान में विश्व स्तर की कोरोना महामारी के कारण फार्मासिस्टों पर जिम्मेवारी बढ़ गई है जो टेस्ट लेब से लेकर मरीजों की जांच व जागरुक करने का काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें किसी तरह का सुरक्षा बीमा व सुविधा नहीं दी जा रही है। इसमें वह अपने परिजनों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहे हैं जबकि उनकी नौकरी की सुरक्षा को लेकर सरकार ने कोई आश्वासन व जमीनी स्तर पर काम नहीं किया है। उन्होंने हरियाणा सरकार की तर्ज पर उन्हें आपातकाल में रेगुलर करने व सेहत बीमा व परिवार सुरक्षा जैसी सभी तरह की सुविधाएं प्रदान करने की मांग की है।