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रैबिज के इलाज में लापरवाही से हो सकती है मौत: सिविल सर्जन

रैबिज एक गंभीर वायरल बीमारी है जोकि कुत्ते के काटने से हो सकती है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 09:39 PM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:39 PM (IST)
रैबिज के इलाज में लापरवाही से हो सकती है मौत: सिविल सर्जन
रैबिज के इलाज में लापरवाही से हो सकती है मौत: सिविल सर्जन

जासं,बठिडा: रैबिज एक गंभीर वायरल बीमारी है, जोकि कुत्ते के काटने से हो सकती है। रैबिज वायरस, सेंट्रल नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है। यदि इसे इलाज किए बिना छोड़ दिया जाता है, तो यह मौत का कारण बन सकता है। यह जानकारी सिविल सर्जन तेजवंत सिंह ने सेहत विभाग पंजाब और सिविल अस्पताल बठिडा की तरफ से आयोजित विश्व रैबिज (हाइड्रोफोबिया) दिवस के दौरान दी। इस मौके पर रैबिज संबंधित पोस्टर जारी किया गया। इस साल के विश्व रैबिज दिवस का स्लोगन है रैबीज तथ्य, डर नहीं।

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इस मौके पर डा. जगरूप सिंह और डा. गुरिदर कौर ने मरीजों को जागरूक करते हुए कहा कि रैबिज मनुष्य और जानवरों के लिए हमेशा ही घातक होता है, परंतु इससे बचा जा सकता है। रैबिज की बीमारी कुत्ते, बिल्ली, बंदर आदि जानवरों के काटने या खरोंचने साथ हो सकती है। 90 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में मनुष्य को यह बीमारी कुत्तों के काटने के साथ होती है। जगतार सिंह जिला मास मीडिया और सूचना अफसर ने कहा कि रेबिज से बचने के लिए समय-समय पर पालतू जानवरों का टीकाकरण करवाना चाहिए। जख्म पर मिर्च और सरसों का तेल आदि नहीं लगाना चाहिए। लखविन्दर सिंह बीईओ और नरिन्दर कुमार बीसीसी ने कहा कि अपने पालतू जानवरों को आवारा जानवरों से दूर रखना चाहिए। इस मौके डा. गुरकीरत सिद्धू ने मरीजों को बीमारी से बचाव सम्बन्धित जानकारी भी दी। जानवरों में रेबिज के लक्षण

- जानवरों के व्यवाहर में बदलाव

- भौंकने की आवाज में बदलाव

- पानी से डरना

- मुंह में से लार टपकना जानवर काटने पर तुरंत करें यह इलाज

- सबसे पहले जख्म को साबुन से साफ करें और पानी के साथ 15 मिनट तक अच्छी तरह धोएं।

- मौके पर उपलब्ध एंटीसेप्टिक जख्म पर लगाएं।

- जख्म को हमेशा खुला छोड़ें।

- तरुंत नजदीक के सरकारी अस्पताल में जाकर डाक्टर की सलाह के साथ एंटी रेबीज का टीका लगवाएं। यह टीका सरकारी अस्पतालों में मुफ्त लगाया जाता है।


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