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अगले सेशन से सीबीएसई के प्रश्नपत्र नहीं होंगे लेंथी

विद्यार्थियों के लिए प्रश्नपत्र को लेंथी से आसान बनाने के लिए सीबीएसई बोर्ड की ओर से नौवीं से लेकर बारहवीं तक की परीक्षाओं में बदलाव किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 07:28 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 07:28 PM (IST)
अगले सेशन से सीबीएसई के प्रश्नपत्र नहीं होंगे लेंथी
अगले सेशन से सीबीएसई के प्रश्नपत्र नहीं होंगे लेंथी

संस, बठिडा : विद्यार्थियों के लिए प्रश्नपत्र को लेंथी से आसान बनाने के लिए सीबीएसई बोर्ड की ओर से नौवीं से लेकर बारहवीं तक की परीक्षाओं में बदलाव किया जाएगा। बोर्ड की ओर से नोटिफिकेशन जारी कर इसके बारे में जानकारी दी गई है। इनके अनुसार बच्चों के अच्छे नतीजों के लिए शिक्षा में सुधार करना जरूरी है। ताकि बच्चों का पेपर समय पर हल हो सके। हर वर्ष विद्यार्थियों की यह शिकायत रहती है कि पेपर लेंथी होने के कारण उनका पेपर बीच में रह गया। अगर प्रश्नपत्र पेपर में बदलाव होता है तो विद्यार्थी को इससे राहत मिलेगी।

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प्रपोजल तैयार, अप्रैल में जारी कर सकते हैं निर्देश

ग्याहरवीं और बारहवीं क्लास की  मैथ, पॉलिटिकल साइंस, हिदी और इंग्लिश की परीक्षा 80 मा‌र्क्स की करने का प्रपोजल है। अभी तब इन विषयों की परीक्षा 100 अंकों की होती है जबकि 20 मा‌र्क्स की इंटरनल असेसमेंट होगी। दरअसल ये बदलाव स्टूडेंटस को प्रेक्टिकल तौर पर मजबूत करने के लिए किया जा रहा है। वहीं 6 अंकों वाले बड़े प्रश्नों को भी चार अंकों का किया जाएगा। इसके अलावा 25 फीसद मल्टीपल चॉइस क्वेनशन होंगे।

2017-18 में दसवी में मैथ में पास हुए 52 प्रतिशत विद्यार्थी

बोर्ड की ओर से यह प्रपोजल इसलिए तैयार किया गया है क्योंकि नेशनल असेसमेंट सर्वे के दौरान रिपोर्ट कार्ड के अनुसार दसवीं की मैथ में 52 प्रतिशत स्टूडेंट्स ही पास हुए है। जबकि  साइंस में 51 फीसदी, सोशल साइंस में 53 और अंग्रेजी में 58 फीसद स्टूडेंट पास हो  सके। इसलिए बोर्ड की ओर से शिक्षा में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें ज्यादा केसों में विद्यार्थियों ने बताया कि कई बार पेपर लेंथी या फिर सवालों के घुमाफिरा कर पूछे गए थे, इस कारण उनको पेपर देने में परेशानी हुई है। सीबीएसई बोर्ड की ओर से आए दिन विद्यार्थियों की परीक्षा में सुधार के लिए नए बदलाव किए जा रहे हैं। उनकी ओर से पेरालॉजिकल पर बहुत जोर दिया जा रहा है। ताकि विद्यार्थियों को किसी किस्म की कोई भी परेशानी न आए।

प्रमोद खुर्सीजा, प्रिसिपल, डीएवी स्कूल।


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