Move to Jagran APP

पीआरटीसी की बसों में सवारियां बढ़ी, आय में आई कमी

पंजाब सरकार ने बेशक महिलाओं के लिए बस किराए में एक अप्रैल से बसों का सफर मुफ्त है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 02:57 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 02:57 AM (IST)
पीआरटीसी की बसों में सवारियां बढ़ी, आय में आई कमी
पीआरटीसी की बसों में सवारियां बढ़ी, आय में आई कमी

जागरण संवाददाता, बठिडा :

loksabha election banner

पंजाब सरकार ने बेशक महिलाओं के लिए बस किराए में एक अप्रैल से छूट दे दी है, मगर इसका सीधा सीधा असर पीआरटीसी की आय पर पड़ने लगा है। हालांकि बसों में सवारियों की गिनती तो पहले के मुकाबले काफी बढ़ गई है। लेकिन बठिडा डिपो में हर रोज होने वाला रेवेन्यू पांच से छह लाख रुपये कम हो गया है। सरकार ने बजट में 170 करोड़ रुपये का बजट भी महिलाओं के लिए रखा है। मगर जिस हिसाब से बसों में सवारियां बढ़ रही हैं, उसको देखते हुए यह काफी कम लग रहा है।

अगर बठिडा डिपो की बात की जाए तो यहां से सरकारी बसों में एवरेज 57 हजार यात्री सफर कर रहे हैं। जिसमें 23 हजार सवारियां केवल महिलाएं हैं। जबकि इनका रेवेन्यू 10 लाख रुपये तक बनता है। इस हिसाब से अगर रोजाना दस लाख रुपये का रेवेन्यू महिलाओं से आना है तो यह एक महीने में तीन करोड़ रुपये का हो गया। जो पूरे साल के लिए 36 करोड़ रुपये अकेले बठिडा का है। जबकि सरकार ने बजट में 170 करोड़ रुपये रखे हैं, जो पीआरटीसी व पंजाब रोडवेज दोनों के लिए है। इस हिसाब से यह 170 रुपये का बजट पीआरटीसी व पंजाब रोडवेज के लिए काफी कम है। वहीं बठिडा से बड़े तो लुधियाना, पटियाला, जालंधर, अमृतसर, चंडीगढ़ के डिपो हैं। जहां से यह रेवेन्यू ओर भी ज्यादा होगा। महिलाओं की प्रतिशत बढ़ी

बठिडा डिपो के आंकड़ों के अनुसार इस समय बसों में 23 हजार महिलाएं हर रोज सफर कर रही हैं, जो पूरी सवारियों का 41 फीसद बनता है। जबकि एक अप्रैल से पहले सरकारी बसों में महिलाओं के सफर करने की प्रतिशतता 33 थी। मगर अब बसों में किराया फ्री कर देने से इनकी गिनती बढ़ रही है। हालात तो ये हैं कि पीआरटीसी की जो बसें कभी काउंटर पर भी नहीं भरती थी, उनमें अब बैठने के लिए भी जगह नहीं मिल रही है। इन बसों में ज्यादातार गिनती महिलाओं की ही है। दूसरी तरफ प्राइवेट बसों वाले भी अपनी बसों में सवारियां बढ़ाने के लिए दो टिकट के साथ एक टिकेट फ्री दे रहे हैं।

महिलाएं भी लेने लगी फायदा

बसों में सफर करने से पहले अब महिलाएं भी यह पूछने लगी हैं कि क्या इस बस में आधार कार्ड चलेगा। जबकि वह आधार कार्ड अपने बच्चों का भी निकाल लेती हैं, ताकि उनको टिकेट न कटवानी पड़े। इसके अलावा कई महिलाएं या युवतियां अपने फोन में आधार कार्ड तो दिखाती हैं, लेकिन उनको कंडक्टर मानते नहीं। इसको लेकर बठिडा डिपो के जीएम रमन शर्मा का कहना है कि सरकार ने महिलाओं की सुविधा के लिए बसों में सफर फ्री किया है। इसके साथ बेशक उनका रूटीन का रेवेन्यू तो कम हुआ है। लेकिन ओवरआल बढ़ गया है। इसके बिल अब सरकार को बनाकर भेजे जाएंगे, जिसके बाद सरकार की तरफ से पीआरटीसी को किराया अदा किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.