कबड्डी खिलाड़ी की हत्या के मामले में चौकी इंचार्ज सहित आठ कर्मी लाइन हाजिर
रामपुरा के गांव चाउके में नशा बेचने से रोकने पर नशा तस्करों ने सात कबड्डी खिलाड़ों को पीट-पीटकर घायल कर दिया था।
जासं,बठिडा: रामपुरा के गांव चाउके में नशा बेचने से रोकने पर नशा तस्करों ने सात कबड्डी खिलाड़ों को पीट-पीटकर घायल कर दिया था। गत बुधवार को हरविंदर सिंह उर्फ जस्सा की मौत हो गई थी। परिवार का आरोप था कि चाउके स्थित चौकी की पुलिस ने उचित कार्रवाई नहीं की। स्वजनों ने वीरवार को हाईवे पर शव रखकर प्रदर्शन भी किया था। अब इस मामले का संज्ञान लेते हुए एसएसपी भुपिंदर सिंह विर्क ने थाना सदर रामपुरा के अधीन पड़ने वाली गांव चाउके की चौकी इंचार्ज परमिंदर कौर समेत सभी आठ पुलिस कर्मचारियों को लाइन हाजिर कर दिया है। एसएसपी विर्क ने बताया कि सिकंदर सिंह को नया चौकी इंचार्ज नियुक्त किया गया है। साथ ही इस मामले में नामजद 13 आरोपितों में से आठ को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनकमें चमकौर सिंह निवासी गांव खोखर, संदीप सिंह उर्फ रंजीत सिंह, नवदीप सिंह उर्फ नवी, कालू सिंह, सिकंदर सिंह, बलकरन सिंह निवासी गांव डिख, गुरदीप सिंह व सुखविदर सिंह उर्फ बबली निवासी गांव रढ़ शामिल हैं। वहीं अब गांव वाले थाना सदर प्रभारी भूपिदर सिंह को भी बदलने की मांग पर अड़ गए हैं।
दरअसल, गांव चाउके में चिट्टा बेचने का विरोध करने पर गत 26 मई को नशा तस्करों ने सात कबड्डी खिलाड़ियों पर जानलेवा हमला कर दिया था, जिसमें हरविदर सिंह उर्फ जस्सा गंभीर रूप से घायल हो गया था। गत बुधवार को डीएमसी लुधियाना में उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद स्वजनों ने गांववासियों को साथ लेकर पहले पुलिस चौकी चाउके के बाहर शव रखकर रोष प्रदर्शन किया और फिर एसएसपी दफ्तर का घेराव किया। आरोपितों को गिरफ्तार करने और चौकी इंचार्ज को डिसमिस करने की मांग की। किसान जत्थेबंदियों के विरोध के बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए। शुक्रवार तक जहां पुलिस ने आठ आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया वहीं एसएसपी ने पूरी पुलिस चौकी को ही बदल दिया।
उधर, किसान यूनियन उगराहा के ब्लाक प्रधान सुखदेव सिंह जवंधा व सिद्धूपुरा के काका सिंह कोटड़ा ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पुलिस पहले ही कार्रवाई करती तो शायद कबड्डी खिलाड़ी की जान बच सकती थी। उन्होंने मांग की कि थाना सदर प्रभारी भूपिदर सिंह को भी बदला जाए। जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती धरना लगातार जारी रहेगी।