16 भाषाओं के छात्रों ने लोक गीतों से दिखाई संस्कृति की झलक
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया।
जासं, बठिडा : भाषाई, सांस्कृतिक विविधता व बहुभाषावाद के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया। सीयूपीबी ने कुलपति प्रो. आरके कोहली के संरक्षण में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को दर्शाते हुए बहुभाषी विरासत का जश्न मनाना था। सीयूपीबी ने कार्यक्रम के तहत व विश्वविद्यालय के 11वें स्थापना दिवस समारोह के एक भाग के रूप में आयोजित किया। अकादमिक मामले के डीन प्रो. पी रामाराव ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जिसमें 250 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। वहीं 16 भारतीय भाषाओं में विश्वविद्यालय के छात्रों के कलात्मक प्रदर्शन के माध्यम से भारत की भाषाई समृद्धि व विविधता को देखा।
शुरुआत में प्रो. अल्पना सैनी ने प्रतिभागियों का स्वागत किया व कार्यक्रम की थीम पेश की। प्रो अल्पना ने बताया कि भारत एक विविधतापूर्ण राष्ट्र है और हमें अपनी विविधता पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने कहा, सीयूपीबी हमारे राष्ट्र की विविध भाषाई संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि 27 राज्यों के छात्र यहां अध्ययन करते हैं व एक साथ सीखते हैं। वहीं प्रो. राव ने छात्रों को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यूनेस्को ने वर्ष 1999 में 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
इस कार्यक्रम के दौरान पंजाबी, गढ़वाली, हरियाणवी, मराठी, भोजपुरी, असमिया, हिदी, डोगरी, तमिल, मैथली, राजस्थानी, उर्दू, मलयालम, उड़िया, तेलुगु व बंगला भाषाओं में सीयूपीबी छात्रों द्वारा कविता, गीत, नृत्य और गजलों के रूप में 18 प्रदर्शन किए।
कार्यक्रम की शुरुआत श्री आशीष एंड ग्रुप के गढ़वाली गीत बेदु पको बारो मासा पर मधुर प्रदर्शन के साथ हुई। इसके बाद राहुल एंड ग्रुप, राजीव एंड ग्रुप, मिस ब्यूटी व मिस्टर हर्ष विक्रम ने क्रमश: मराठी, असमिया, मैथिली व भोजपुरी भाषाओं पर एक सुंदर गायन प्रदर्शन दिया। वहीं निधि, योगेश व शिखा ने क्रमश: हरियाणवी, हिदी और डोगरी भाषाओं में प्रसिद्ध कविताओं का पाठ किया। इसके बाद, विद्या एंड ग्रुप ने तमिल गीत तमिल थाई वल्थु पर अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को चकित कर दिया।
हरमनजोत एंड टीम ने पंजाबी गीत 'मैं वारी मैं वारी मेरी समिए' पर एक मनमोहक प्रस्तुति दी। परविदर व हरदीप ने पंजाबी कविताओं का पाठ किया। उसके बाद, मुजफ्फर ने उर्दू कविता और उर्दू लोक गीत प्रस्तुत किया। साक्षी एंड ग्रुप ने राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए प्रसिद्ध राजस्थानी लोक गीत 'बन्ना रे बागा में झूला झूले' का अद्भुत प्रदर्शन किया। छात्र एंकर प्रभजन, अरुशी व योगेश ने मंच का सुंदर तरीके से संचालन किया।