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नहीं संभल रहा सेवा केंद्रों का रिकार्ड

पंजाब सरकार की ओर से घाटे का सौदा बन रहे पंजाब के 1600 सेवा केंद्रों को तो बंद कर दिया, लेकिन इनका रिकार्ड कैसे संभाला जाएगा, इसका कोई प्रबंध नहीं किया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 05:49 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 05:49 PM (IST)
नहीं संभल रहा सेवा केंद्रों का रिकार्ड
नहीं संभल रहा सेवा केंद्रों का रिकार्ड

साहिल गर्ग, ब¨ठडा : पंजाब सरकार की ओर से घाटे का सौदा बन रहे पंजाब के 1600 सेवा केंद्रों को तो बंद कर दिया, लेकिन इनका रिकार्ड कैसे संभाला जाएगा, इसका कोई प्रबंध नहीं किया। इसी के चलते ही ब¨ठडा जिले में बंद किए गए 92 सेवा केंद्रों का रिकार्ड फिलहाल जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स में बने मुख्य सुविधा केंद्र के बंद कमरों में रख दिया है। इसका कभी भी कोई नुकसान हो सकता है। जबकि ऐसे रखे गए रिकार्ड को देखकर लगता है कि सरकार पुरानी फाइलों को संभालने के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। इस समय सुविधा केंद्र में 10 हजार से ज्यादा फाइलें धूल फांक रही हैं। जबकि इन फाइलों को जहां-जहां पर सेवा केंद्र बंद किए गए हैं, वहां की सब डिविजन में भेजा जाना था। जिसके बाद बंद हुए सेवा केंद्र जहां शिफ्ट किए हैं, उनको यह रिकार्ड हैंडओवर करना था। लेकिन नया कांट्रेक्ट शुरू भी एक महीने से ज्यादा का समय बीत गया है। मगर रिकार्ड संभालने का कोई प्रबंध नहीं किया।

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इस कारण रद किया था एग्रीमेंट

पंजाब सरकार की ओर से बीएलएस कंपनी की वर्किंग व परफॉर्मेंस से नाराज होकर पुराना कांट्रैक्ट कैंसिल कर दिया था और करीब 1600 सेवाकेंद्र बंद कर दिए थे। अब नए सिरे से बीएलएस कंपनी को 15 जिलों के 340 सेवा केंद्र सौंपे गए हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि इस बार कंपनी ने सरकार को प्रॉफिट में 60 परसेंट शेयर ऑफर किया है जबकि दूसरी कंपनी डॉ. आईटी ग्रुप ने 80 परसेंट शेयर ऑफर किया है। पंजाब को सेवा केंद्रों के हिसाब से तीन जोनों में बांटा गया है। नए सिस्टम के मुताबिक हर जोन में डेढ़ करोड़ रुपये के कमिटेड खर्च के बाद कंपनियां जितना भी मुनाफा कमाएंगी, उसमें कांट्रैक्ट के मुताबिक 60 और 80 फीसद शेयर सरकार को देना होगा।

कांट्रैक्ट में यह है खास

- हर जोन में डेढ़ करोड़ रुपये की छूट ऑपरेशन एंड मेनटेनेंस खर्च और जीएसटी को लेकर दी गई है। ये खर्च निकालने के बाद जितना प्रॉफिट होगा, उसमें से सरकार अपना हिस्सा लेगी। अगर कंपनियों को कोई प्रॉफिट नहीं हुआ या लॉस हुआ तो सरकार की तरफ से कोई वित्तीय मदद नहीं मिलेगी। जबकि पुराने कांट्रैक्ट के मुताबिक सेवा केंद्र चलाने वाली बीएलएस कंपनी को हर महीने जितना घाटा हो रहा था, उसकी भरपाई सरकार अपनी जेब से कर रही थी।

- नए सिरे से हुई टेंड¨रग में दो जोन बीएलएस के पास आ गए हैं। इसमें अमृतसर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, कपूरथला, पठानकोट, एसबीएस नगर, तरनतारन, ब¨ठडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिरोजपुर, मानसा, मोगा और मुक्तसर जिले बीएलएस कंपनी को मिले हैं। जबकि चंडीगढ़ के डॉ. आईटी ग्रुप के पास लुधियाना समेत 7 जिले लुधियाना, बरनाला, साहिबजादा अजीत ¨सह नगर, संगरूर, रूपनगर, पटियाला हैं।

- नए कांट्रेक्ट के मुताबिक पब्लिक सर्विसेज को तीन कैटेगरीज में बांटा गया है। इन्हें ग्रुप ए, ग्रुप बी और ग्रुप सी कैटेगिरी में रखा गया है। लोगों को 7 से 14 मिनट में सर्विस देने का समय निर्धारित किया गया है। किसी सूरत में अगर पब्लिक को 25 मिनट से ज्यादा इंतजार करना पड़ता है तो इसे कंपनी की लोअर परफॉर्मेंस माना जाएगा। हर बार लोअर परफॉर्मेंस पर कंपनी को मंथली पेमेंट की 5 परसेंट रकम बतौर पेनल्टी सरकार को देनी होगी।


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