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निगम, बोर्ड और त्रिवेणी में तालमेल बना तो बिजली ने की निकासी प्रभावित

सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी कंपनी के अधिकारियों के बीच लंबे समय के बाद तालमेल देखने को मिला है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 11:42 PM (IST)Updated: Sun, 18 Aug 2019 06:24 AM (IST)
निगम, बोर्ड और त्रिवेणी में तालमेल बना तो बिजली ने की निकासी प्रभावित
निगम, बोर्ड और त्रिवेणी में तालमेल बना तो बिजली ने की निकासी प्रभावित

जागरण संवाददाता, बठिडा : यूं तो नगर निगम, सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी कंपनी के अधिकारियों के बीच लंबे समय के बाद तालमेल देखने को मिला है, लेकिन भादों की इस पहली भारी बारिश के दौरान कई इलाकों में बिजली सप्लाई बंद हो जाने से मुख्य डिस्पोजल सहित कई अन्य डिस्पोजलों से निकासी का कार्य प्रभावित होकर गया। जिस का परिणाम यह निकला कि एक बार फिर से शहर के अनेक निचले हिस्से न केवल पानी में डूब गए, बल्कि कई क्षेत्रों में घरों में पानी भी घुस गया। दोपहर दो बजे शुरु हुई बारिश के एक बार जोरदार पड़ने के बाद रात तक भी हलकी हलकी लगातार होते रहने से कारण जलभराव भी बढ़ता गया। बेशक शहर भर के तमाम डिस्पोजलों की सभी मोटरें जेनरेटरों के सहारे चलती रहीं, लेकिन मानसा रोड स्थित मुख्य डिस्पोजल पर बिजली सप्लाई बंद रहने से उतनी मात्रा में पानी की निकासी नहीं हो पा रही थी। शाम को पांच बजे बंद हुई बिजली सप्लाई खबर लिखे जाने तक भी दुरुस्त नहीं हो पाई थी। यही स्थिति आलम बस्ती के डिस्पोजल पर बनी रही। मेन और आलम बस्ती के डिस्पोजल पर बिजली रही बंद

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नगर निगम अधिकारियों के अनुसार बेशक मुख्य डिस्पोजल की पांच मोटरें जेनरेटर के सहारे चल रही हैं, लेकिन जितनी निकासी बिजली से हो पाती है उतनी जेनरेटर से नहीं होती। बिजली सप्लाई के बाधा बनने के कारण ही पावर हाउस हाउस रोड, मिनी सचिवालय के आसपास क्षेत्र, आईजी, डीसी एवं एसएसपी निवास के इर्द-गिर्द, परसराम नगर एरिया की मेन रोड, अंडरब्रिज, सिरकी बाजार, सौ फुट्टी रोड सहित लगभग सभी निचले हिस्सों में दो-दो फिट पानी भर गया। बसंत विहार, अग्रवाल कॉलोनी, सराभा नगर, परसराम नगर की गलियों में जलभराव के साथ ही कई घरों में भी पानी घुस गया। हालांकि पावरकॉम के एक्सईएन गगनदीप सिगला के अनुसार 100 फुटी रोड, बाबा फरीद नगर, पावर हाउस रोड सहित कुछ क्षेत्रों में कुछ समय के लिए तकनीकी खराबी से सप्लाई प्रभावित रही है। लेकिन बिजली कर्मी मुख्य डिस्पोजल की सप्लाई खबर लिखे जाने तक बंद थी। आलम बस्ती में भी बिजली नहीं आई है। जिससे निकासी कम गति से हो पा रही है। कमिश्नर सहित तमाम अधिकारी रात तक फील्ड में

बीती 16 जुलाई को हुई भारी बारिश से हुई बदहाली से अभी तक पूरी तरह उबर भी नहीं पाए थे, कि एक बार फिर से निगम अधिकारियों को चिता में डाल दिया है। बेशक पहली बार निगम कमिश्नर बने बिक्रमजीत सिंह शेरगिल सीवरेज बोर्ड और त्रिवेणी कंपनी के अधिकारियों के साथ पूरा तालमेल बनाकर काम में जुटे हैं और खुद रात तक उनके साथ बारिश में घूमते रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद 72 घंटे के भारी बारिश के अनुमान से सभी भयभीत भी हैं। कमिश्नर के अनुसार सभी डिस्पोजलों की मोटरें इस समय चालू हालत में हैं और बिजली जाने पर पर्याप्त मात्रा में जेनरेटरों के लिए डीजल का भी बंदोबस्त किया हुआ है। लेकिन स्लज कैरियर अपनी समर्था से अधिक पानी की निकासी नहीं कर सकता। तमाम कर्मचारियों की ड्यूटियां रद करके उन्हें फील्ड में उतारा हुआ है। बारिश शुरु होने के बाद से मुख्य डिस्पोजल पर डेरा डाले बैठे निगम के एसई किशोर कुमार बांसल ने बताया कि सभी डिस्पोजलों पर दो-दो कर्मचारियों को तैनात किया हुआ है। अकसर हर भारी बारिश में टूट जाने वाले साढ़े 12 किलोमीटर लंबे स्लज कैरियर की निगरानी के लिए 10 कर्मियों की ओर से पेट्रोलिग की जा रही है।


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