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वित्त मंत्री के शहर का निगम ही वित्तीय संकट में

राज्य के वित्तमंत्री तथा क्षेत्र के विधायक मनप्रीत ¨सह बादल बेशक विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार के पास फंड और नीयत की कोई कमी न होने की बात करते हैं, लेकिन नगर निगम की मानें तो यह बातें राजनीति के सिवाय कुछ नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 Aug 2018 10:39 PM (IST)Updated: Tue, 21 Aug 2018 10:39 PM (IST)
वित्त मंत्री के शहर का निगम ही वित्तीय संकट में
वित्त मंत्री के शहर का निगम ही वित्तीय संकट में

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : राज्य के वित्तमंत्री तथा क्षेत्र के विधायक मनप्रीत ¨सह बादल बेशक विकास कार्यों के लिए प्रदेश सरकार के पास फंड और नीयत की कोई कमी न होने की बात करते हैं, लेकिन नगर निगम की मानें तो यह बातें राजनीति के सिवाय कुछ नहीं है। राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद से नगर निगम के तमाम विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं। निगम को डेढ़ वर्ष से रुके पड़े अपने विकास कार्यों के लिए तत्काल फंडों की जरूरत की है, लेकिन नगर निगम की सत्ता पर काबिज अकाली-भाजपा गठबंधन को यह भी लगने लगा है कि राज्य में विरोधी कांग्रेस पार्टी की सत्ता होने के चलते शीघ्र उन्हें फंड भी नहीं मिलने वाले हैं। इसके कारण ही बीते सोमवार को मेयर बलवंत राय नाथ को अपने ही कार्यालय के समक्ष अकाली-भाजपा पार्षदों और शिअद के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक सरूप चंद ¨सगला को साथ लेकर धरने पर बैठना पड़ा। उन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। इसके अलावा एक घंटा खूब नारेबाजी की गई।

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नगर निगम को चाहिए 16.21 करोड़ रुपये

मेयर बलवंत राय नाथ के अनुसार राज्य में विधान सभा चुनाव से पहले से लेकर अब तक करीब दो वर्ष के समय के दौरान में 16.21 करोड़ रुपये के विकास कार्यों के प्रस्ताव न केवल पारित किए जा चुके हैं, बल्कि टेंडर भी लगाए जा चुके हैं। लेकिन राज्य सरकार से अभी तक एक फूटी कौड़ी भी प्राप्त नहीं हुई है। अधिकतर विकास कार्यों को एफएंडसीसी की बैठक में भी मंजूरी प्रदान की जा चुकी है, लेकिन इनके वर्क ऑर्डर जारी करने के लिए फंड नहीं हैं। गंदे पानी की निकासी, डिस्पोजल सहित सीवरेज व वाटर सप्लाई के लिए 120 करोड़ रुपये चाहिए। 60 करोड़ रुपये कचरा प्लांट हटाने व रेलवे लाइन पार एरिया में पार्क बनाने के लिए चाहिए। यह सभी राशि राज्य सरकार ने उपलब्ध करानी हैं। लेकिन विधायक मनप्रीत बादल राज्य के वित्तमंत्री होने के बावजूद राजनीतिक रंजिश के तहत फंड मुहैया नहीं करवा रहे। जबकि कचरा प्लांट और पार्क निर्माण के प्रस्ताव वित्तमंत्री मनप्रीत के कहने पर ही निगम की ओर से हाउस में पास किए गए हैं।

शहर में ठप पड़े हैं विकास कार्य

फंड्स के अभाव में शहर भर के लगभग सभी वार्डों में सड़कों के निर्माण, इंटरलॉ¨कग टाइलों के अलावा वार्ड नंबर 1, 2 व 50 में सीवरेज, पानी, सड़कों जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के काम रुके पड़े हैं। उक्त तीनों वार्डों में एक भी बुनियादी सुविधा तक नहीं है। ट्रांसपोर्ट नगर के पास डिस्पोजल निर्माण का काम लटका पड़ा है। 40 करोड़ रुपये की लागत से कचरा प्लांट को शिफ्ट करने का काम ठप है। रेलवे लाइन पार एरिया में 20 करोड़ रुपये की लागत से पार्क का निर्माण होना था। वह भी नहीं हो पा रहा है। गंदे पानी की निकासी के लिए राइ¨जग मेन का का कार्य बहुत ही धीमी गति से चल रहा है। शहर में लोगों को वाटर सप्लाई एवं सीवरेज की शत प्रतिशत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सीवरेज बोर्ड के माध्यम से त्रिवेणी कंपनी के साथ हुए 217 करोड़ रुपये के करार में 120 करोड़ रुपये राज्य सरकार ने देने थे, लेकिन नहीं दिए। इसके चलते ही राइ¨जग मेन का काम नहीं हो पाया है। जितना काम हुआ वह निगम के फंड से ही हुआ है। इसी तरह 120 करोड़ रुपये की राशि में से ही ट्रांसपोर्ट नगर के पास डिस्पोजल का काम मुकम्मल होना है। इससे वार्ड 1 व 2 की गंदे पानी की निकासी होनी है। इन वार्डों के लोग लंबे समय से गंदे पानी की निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं। मानसा रोड पर स्थित ग्रोथ सेंटर में वाटर टैंक के निर्माण का कार्य रुका पड़ा है।


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