बैंक की ब्रांच दूसरी में मर्ज करने से उपभोक्ता परेशान
1977 से शुरू हुई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच को 11 जनवरी 2020 को बंद कर रहा है।
चरणजीत सिंह, लहरा मोहब्बत :
लहरा मोहब्बत गांव के उपभोक्ताओं के लिए 1977 से शुरू हुई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ब्रांच को 11 जनवरी 2020 को बंद कर रहा है। बैंक बंद का दीवारों के ऊपर नोटिस भी लग चुके हैं। इस बैंक में लहरा मोहब्बत, लहरा सौंधा, लहरा धूरकोट, लहराखाना, कोटडा कौड़ा व गांवों के 18 से 19 हजार बैंक खाताधारक जुड़े हुए हैं। 1500 के करीब बुढ़ापा, विधवा, दिव्यांग व 250 के करीब पूर्व फौजियों के अलावा और विभागों के रिटायर्ड कर्मचारी अपनी पेंशन इस ब्रांच में ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस ब्रांच से हम काफी समय से जुड़े हैं। बैंक कार्यों के लिए हमें नेशनल हाईवे से निकलकर थर्मल मार्केट अंदर बनी ब्रांच व शहर में जाना पड़ेगा। बुजुर्गों व दिव्यांग को इस ब्रांच की बहुत सुविधा मिली है।थर्मल मार्केट में बनी बैंक ब्रांच के अंदर 11 हजार के करीब खाता धारक है। यह ब्रांच थर्मल शुरू होते समय स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की ब्रांच के तौर पर होगी। सबसे पहले 27 नवंबर को इस मामले में पहले गांव में लोग एकत्रित हुए थे । बैंक के सामने नारेबाजी भी की गई थी। इसके बाद बैंक मैनेजर से बातचीत कर बठिडा में दो बार उच्चाधिकारियों तक पहुंच की गई थी। उच्चाधिकारियों ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा था कि यह उच्च स्तरीय मामला है। वह हमारी हर संभव मदद कर सकते हैं। छह जनवरी को गांव वासियों ने बैंक खुलने से पहले ही बैंक का घेराव कर दिया व बैंक अधिकारियों को अंदर दाखिल नहीं होने दिया गया। इस दौरान भाकियू सिद्धपुर के जिला सहायक सचिव गुरमेल सिंह, बलवीर सिंह, जगजीत सिंह, चमकौर सिंह, हरदेव सिंह, भाकियू डकौंदा के इकाई प्रधान रामपाल सिंह, जियोन सिंह, जगदेव सिंह, कर्मजीत सिंह, बलविदर सिंह, काला सिंह, दर्शन सिंह, कुलदीप सिंह, मुख्त्यार सिंह, दर्शन सिंह, गुरपाल सिंह, गुरजंट सिंह, भगवान सिंह, बाबा भाई जी साहिब समाज भलाई क्लब के प्रधान दीप सिंह, इंदरजीत सिंह, लवदीप सिंह, कौंसिलर जगदेव सिंह, गुरदीप सिंह, पूर्व पंच बलविदर सिंह, जगदेव सिंह जग्गा, जगरोशन सिंह व वासियों ने कहा कि हम बैंक ब्रांच को बंद नहीं होने देंगे। तेज बारिश के दौरान गांव वासी बैंक के सामने धरने पर डटे रहेंगे।
विधायक से भी लगाई थी गुहार
इस मुद्दे पर गांव वासी दो बार विधायक प्रीतम सिंह कोटभाई तक भी पहुंच कर चुका है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस बार वित्त विभाग से संपर्क किया जाएगा। दूसरी ब्रांच गांव से दूर है
भाकियू सिद्धपुर के गुरमेल सिंह ने कहा कि इस संबंध में हमें कितना भी संघर्ष करना पड़े, हम लोग करेंगे। दूसरी ब्रांच गांव से दूर है। बुजुर्गों को नेशनल हाइवे तक जाना भी मुश्किल हो गया है। जहां पर जाकर लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। इसके अलावा कई घंटों का इंतजार करना पड़ता है।
बुजुर्गो को होगी परेशानी : जियोन सिंह
भाकियू डकौंदा के जियोन सिंह ने कहा कि यहां बड़ी संख्या में खाताधारक है। ब्रांच बंद होने पर बुजुर्गों, विधवा, महिलाओं व दिव्यांग को पेंशन लेने के लिए समस्या खड़ी हो जाएगी। नेशनल हाइवे को पार करना भी सड़क हादसों की संख्या बढ़ेगी।
50 साल पुरानी है ब्रांच : कुलदीप सिंह
भाकियू क्रांतिकारी के नेता कुलदीप सिंह
ने कहा कि ब्रांच के 50 साल पुरानी होने के कारण गांव वासियों के बड़ी सुविधा थी। इसके बंद होने से लोगों को थर्मल ब्रांच जाना पड़ेगा। नेशनल हाईवे क्रास करनी पड़ेगा। हादसे होने से सड़क आवाजाही में विघ्न आ जाएगा। इसलिए यह ब्रांच बंद नहीं होनी चाहिए। हाईवे पार करना होगा मुश्किल : मुख्त्यार सिंह
पूर्व सैनिक मुख्तयार सिंह ने कहा कि
ब्रांच थर्मल मार्केट में इसलिए खुली थी, क्योंकि थर्मल किसी टाइम बंद हो सकता था। फिर थर्मल मार्केट ब्रांच को गांव में क्यों शिफ्ट किया जा रहा है। बुजुर्ग, विधवा महिला, किसानों को रोजाना आना-जाना बैंक में लगा रहता है। सड़क पार करते समय रोजाना एक्सीडेंट होने की आशंका बनी रहेगी, इसका जिम्मेदार कौन होगा।
बैंक ब्रांच के अंदर बड़ी संख्या में किसान, पेंशनरों के खाते हैं। एक तरफ सरकार थर्मलों को बंद कर रही है। वहीं दूसरी तरफ ब्रांच में शिफ्ट कर रही है। यह गांव से धक्केशाही है। इसका हम विरोध करते हैं। मांग करते हैं कि बैंक इस जगह पर होना चाहिए।
जगदेव सिंह, कौंसिलर नगर पंचायत