नवकार मंत्र से जागृतक होता है इंसान का ज्ञान तंत्र: डा. राजेंद्र मुनि
जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि ने नवकार मंत्र के गुणों का विवेचन करते हुए कहा कि ज्ञान जीवन का मूल आधार है।
जासं,बठिडा: जैन संत डाक्टर राजेन्द्र मुनि ने नवकार मंत्र के गुणों का विवेचन करते हुए कहा कि ज्ञान जीवन का मूल आधार है। ज्ञान के अभाव में जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, क्योंकि कल्पना भी ज्ञान के ही बलबूते पर हो सकती है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान को पावर हाउस की उपमा दी गई, छोटा-सा बल्ब भी जब जलता है, तब उसका संबंध पावर हाउस से जुड़ा रहता है। हमारी जीवनी उत्थान पतन को प्राप्त होती है, पर ज्ञान को आत्मा का गुण कहा जाता है, जो कम ज्यादा मात्रा मे सदैव बना रहता है। संसार में जीने का तरीका ज्ञान से ही प्राप्त होता है। ज्ञान का सीधा संबंध इन्सान के दिमाग मस्तिक से रहता है। पूर्वचार्यो ने सिर के भाग को ज्ञान केन्द्र कहा है। हमारा ज्ञान केंद्र सतत जागृत रहता है। ब्रेन हेमरेज की अवस्था में ज्ञान तंतु शिथिल हो जाते हैं। शरीर बेजान अवस्था में पहुंच जाता है। आवश्यकता है धनबल, तनबल, शस्त्रबल, राजबल, परिवारबल से भी ज्ञानबल के महत्व को समझने समझाने की।
सभा में साहित्यकार सुरेन्द्र मुनि जी द्वारा नवकार पद की गुण गरिमा से विस्तार से प्रकाश डालते हुए इसका जप तप करते रहने की प्रेरणा प्रदान की। सभा में संगरिया से पधारीं वैरागन कुमारी चेतना जैन व कालियांवाली से पधारीं कुमारी पुलकित जैन का समाज व महिला मंडल द्वारा अभिनन्दन किया गया। महामंत्री उमेश जैन द्वारा सामाजिक सूचनाएं प्रदान की गई। सिरकी बाजार स्थित श्री गोशाला में मनाई गोपाष्टमी श्री गोशाला सिरकी बाजार बठिडा में गोपाष्टमी के उपलक्ष्य में गो नवरात्रे उत्सव का आयोजन पांच नवंबर से किया जा रहा है। इस समागम का 13 नवंबर को विधिवत समापन होगा। गोपाष्टमी के उपलक्ष्य में वीरवार को गोशाला में विशेष समागम का आयोजन किया गया। इसमें शहर के समूह गोभक्तों के साथ विभिन्न राजनीतिक व धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।