जेल प्रशासन की लापरवाही से हवालाती की मौत पर लोगों ने तीन घंटे रखा यातायात ठप
केंद्रीय जेल प्रशासन की लापरवाही के चलते प्रतिबंधित दवा के केस में बंद एक हवालाती की मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, बठिडा : केंद्रीय जेल प्रशासन की लापरवाही के चलते प्रतिबंधित दवा के केस में बंद एक हवालाती की मौत हो गई। गांव बहादरगढ़ जंडियां के करीब 20 वर्षीय इस युवक की मौत पर भड़के उसके परिजनों, सगे संबंधियों, भारतीय किसान यूनियन और खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने जिम्मेदार जेल प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बुधवार दोपहर आइटीआइ चौक स्थित ओवरब्रिज पर धरना लगाकर ट्रैफिक जाम कर दिया। इस दौरान आवाजाही ठप होने से राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। आखिरकार एसपी (डी) के जेल प्रशासन के संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा देने पर ही प्रदर्शनकारी करीब तीन घंटे के बाद धरने से उठे और ट्रैफिक बहाल हो सका। मृतक युवक के पिता के बयान भी न्यायधीश की उपस्थिति में सिविल अस्पताल में दर्ज किए गए। जेल में एक सप्ताह से था बुखार से बीमार
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता धर्मपाल सिंह ने बताया कि गांव बहादरगढ़ जंडियां के मजदूर परिवार से संबंधित बिदर सिंह (20) करीब एक साल से नशीली गोलियों के केस में बंद था। शुक्रवार को परिजनों को सूचना मिली कि बिदर बीमार है। परिजन जेल में गए तो उसे मिलने नहीं दिया गया। इसके बाद भी जेल में जाने पर उसके परिजनों को मिलने नहीं दिया गया। सोमवार सुबह 11 बजे परिजन फिर से जेल गए तो पता चला कि उसकी तबियत अत्यंत गंभीर हो चुकी है। इस दौरान जेल में बंद अन्य हवालातियों ने मिलकर बिदर को अस्पताल में दाखिल कराने का दबाव बनाया। इसके बावजूद उसे शाम को साढ़े तीन बजे पुलिस कर्मी सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे और दाखिल करवाने के बाद वहां से चले गए। गंभीर हालत को देखते हुए उसे रेफर करने के पेपर तैयार कर डॉक्टर पुलिस कर्मियों का इंतजार करते रहे, लेकिन वे नहीं पहुंचे। आखिर खुद ही उन्हें एक निजी अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा। मंगलवार रात करीब एक बजे बिदर सिंह (20) ने दम तोड़ दिया, लेकिन इसके बाद भी पुलिस प्रशासन अस्पताल नहीं पहुंचा। वह खुद ही शव को सिविल अस्पताल लेकर पहुंचे हैं। जेल प्रशासन बिदर की मौत के लिए जिम्मेदार
पुलिस को बिदर की मौत के लिए जिम्मेदार जेल प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए और पीड़ित परिवार को मुआवजा देना चाहिए। मृतक के दो बच्चियां हैं। तीन घंटे ट्रैफिक जाम किए रहने के बाद आखिरकार एसपी (डी) गुरविदर सिंह संघा ने परिजनों को उनकी मांग के अनुसार कार्रवाई का भरोसा दिया तो उन्होंने चौक से धरना हटाया। जज के सामने मृतक के पिता जसपाल सिंह ने पुलिस को अपने बयान दर्ज करवाए और केंद्रीय जेल प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए।
पहले जेल अस्पताल में दाखिल करवाया गया था
जेल सुपरिंटेंडेंट भुपिदर सिंह ने कहा कि किसी हवालाती को सिविल अस्पताल में दाखिल कराने के बाद उसकी निगरानी की जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होती है। जबकि पहले उसे जेल के अस्पताल में दाखिल करवाया गया था। स्कूली बच्चों सहित सभी राहगीर तीन घंटे रहे परेशान
जाम के कारण राहगीरों को बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। स्कूल की छुट्टी का समय होने के कारण बच्चों को पैदल अपने घरों को जाना पड़ा। बड़ी संख्या में लोगों को भी पैदल ही अपनी मंजिल पर पहुंचना पड़ा। उधर, ट्रैफिक को अन्य सड़कों से डायवर्ट किया गया। लेकिन इससे अनेक बाहरी और शहर की लिक सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही।