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शहरों की तर्ज पर गांवों में भी होगा कचरे का निस्तारण

शहरों की तर्ज पर अब बठिडा जिले के गांवों में भी कचरे का निस्तारण होगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 10:27 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:14 AM (IST)
शहरों की तर्ज पर गांवों में भी होगा कचरे का निस्तारण
शहरों की तर्ज पर गांवों में भी होगा कचरे का निस्तारण

जागरण संवाददाता, बठिडा

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शहरों की तर्ज पर अब बठिडा जिले के गांवों में भी कचरे का निस्तारण होगा। जिसके लिए जिले के तीन गांवों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम शुरू किया जाएगा। अगर यह प्रोजेक्ट इन गांवों में सफल हो जाता है तो इसको जिले के सभी 314 गांवों में शुरू कर दिया जाएगा। वहीं इस प्रोजेक्ट को शुरू करने वाला मौड़ ब्लॉक का गांव मानक खाना जिले का पहला गांव बन गया है। जबकि दो अन्य गांव ब्लॉक बठिडा के बाहोयात्री व फूल ब्लॉक के गांव कोठे हिम्मतपुरा में काम चल रहा है। फिलहाल गांव मानक खाना की पंचायत द्वारा लोगों के घरों का कचरा इकट्ठा करने के लिए डंप भी बनाया गया है। इसके साथ गांव वासियों को कचरे से निजात मिलेगी, वहीं सफाई के पक्ष से भी गांव सुंदर नजर आएगा।

गांव मानक खाना की सरपंच सेशनदीप कौर सिद्धू का कहना है कि कचरे के ठोस प्रबंधन के लिए कचरे को एक जगह पर फेंकने के लिए डंप बनाया गया है। जिसके ऊपर शैड व नीचे विभिन्न खाने बनाए गए हैं। जिसमें सूखा कूडा, गिला कूड़ा, कागज कपड़े व प्लास्टिक को अलग अलग डंप किया जाएगा। जबकि गिले कचरे की खाद बनाई जाएगी, जो गांव में लगे पौधों को डाली जाएगी व किसानों को बेची जाएगी। वहीं सूखा कचरा कबाड़िए को बेचा जाएगा, जिसके साथ पंचायत की आमदन में भी बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा गांव के लोगों को राउंडग्लास फाउंडेशन मोहाली व ग्राम पंचायत ने संयुक्त तौर पर डस्टबिन भी बांटे। जिस दौरान फाउंडेशन के रजनीश कुमार, भरपूर सिंह, हरदीप सिंह व रविदर सिंह ने लोगों को करने की संभाल संबंधी भी जानकारी दी।

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कूड़े का निस्तारण करने के लिए गांव के बाहर खाली जगह में पिट तैयार की जाएगी, जिसमें शेड के नीचे एक साथ 4 पिट बनाई जाएंगी। पिट भरने के बाद पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार लिक्विड का स्प्रे करने के बाद निर्धारित मात्रा में पानी छोड़कर पिट को बंद कर दिया जाएगा। इससे लगभग 40-45 दिन में कंपोस्ट खाद बनकर तैयार जाएगी। कंपोस्ट खाद गांव की नर्सरियों को बेची जाएगी, जोकि केंचुआ खाद बर्मी कंपोस्ट भी तैयार करते हैं। पंचायत 40 रुपए प्रति किलो के हिसाब से कंपोस्ट खाद बेचकर कमाई भी करेगी। किचन गार्डन में भी कंपोस्ट बेची जा सकेगी। इसके अलावा गंदे पानी के निस्तारण की भी योजना बनाई गई है। इसके तहत घर के बाहर नाली बनाई जाएगी। वहीं गांव के हर घर से कचरा एकत्र करने के लिए प्रति परिवार से 30 रुपये महीने के भी लिए जाने की योजना है।


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