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अब सिविल अस्पताल में ही ट्रयूनट मशीन से होगी संदिग्ध कोरोना सैंपलों की जांच

जांच में तेजी लाने के लिए अब सिविल अस्पतालों में इनके सैंपलों की जांच करने की तैयारी कर चुकी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 11:00 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 06:06 AM (IST)
अब सिविल अस्पताल में ही ट्रयूनट मशीन से होगी संदिग्ध कोरोना सैंपलों की जांच
अब सिविल अस्पताल में ही ट्रयूनट मशीन से होगी संदिग्ध कोरोना सैंपलों की जांच

नितिन सिगला, बठिडा : प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को देखते हुए पंजाब सरकार ने कोरोना के संदिग्ध मरीजों के सैंपलों की जांच में तेजी लाने के लिए अब सिविल अस्पतालों में इनके सैंपलों की जांच करने की तैयारी कर चुकी है, ताकि कुछ सैंपल लोकल स्तर पर जांच किए जा सके और अन्य लैब पर इनका दबाव कम हो सके। इसके लिए सिविल अस्पताल बठिडा समेत प्रदेश के दस सिविल अस्पतालों में ट्रयूनट मशीन लगाई जा रही है। सेहत विभाग की तरफ से यह मशीने अस्पतालों को भेजी जा चुकी है और इन्हें इंस्टालेशन भी कर दिया गया। इसे चलाने के लिए स्टाफ को ट्रेनिग भी जा चुकी है। अब सिर्फ केवल ट्रायल करने का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ट्रायल सफल होता है, तो यह मशीनें शुरू कर दी जाएगी, जिसके बाद संदिग्ध कोरोना मरीजों सैंपल की जांच लोकल स्तर पर हो सकेगी। बताया जा रहा है कि मशीन का संचालन करने के लिए ट्रेंड लैब टेक्नीशियन तैनाती विभाग की तरफ से की जा रही है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मशीन के शुरू होने के बाद इमरजेंसी केस दौरान मरीज की स्थिति पता करने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आएगी। इस मशीन से प्रतिदिन करीब पांच सैंपलों की एक साथ जांच हो सकेगी, जबकि बाकी सैंपल रूटीन की तरह बाबा फरीद मेडिकल कॉलेज लैब या पटियाला राजिदरा कॉलेज से ही होंगे। सिविल सर्जन डॉ. अमरीक सिंह संधू ने बताया कि रिपोर्ट ऑनलाइन जारी होगी। डॉ. संधू ने बताया कि विभाग द्वारा अस्पताल को कोरोना संदिग्ध मरीजों का आसानी से पता लगाने के लिए ट्रयूनट मशीन मिली है। जिसे अस्पताल में इंस्टॉल करवा दिया गया है टेक्नीशियन तैनात होते ही जल्द ही टेस्टिग प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसमें डेढ़ से दो घंटे का समय लगेगा। कोरोना वायरस के अलावा टीबी की भी जांच की जा सकती है। इसके लिए सिर्फ चिप बदलना होगा। ट्रयूनट मशीन से कोविड-19 जांच के लिए सैंपल लेने के बाद आरएनए सेप्रेटर मशीन से 20 मिनट की प्रक्रिया में सैंपल से आरएनए अलग किया जाएगा। इसके बाद डेढ़ घंटे की प्रक्रिया में आरएनए अलग होने के बाद सैंपल को माइक्रोचिप से टेस्ट किया जाएगा। यदि टेस्ट पॉजिटिव है तो कोविड-19 की रिपोर्ट को प्रिटर डिटेक्टेड लिखकर प्रिट करेगा। यदि टेस्ट निगेटिव है तो नॉट डिटेक्टेड की रिपोर्ट प्रिटर से प्रिट होकर निकलेगी। गौर हो कि अभी कोरोना के संदिग्ध मरीज का सैंपल लेने के बाद उसे घर भेज दिया जाता है। सैंपल बाहर जांच के लिए भेज दिए जाते हैं। जांच रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन तक का समय लग जाता है। ऐसे में वहां सैनिटाइजेशन, स्क्रीनिग व सैंपलिग होती है। इससे सैंपलिग के साथ रिपोर्ट जल्द आने की संभावना है। वहीं ज्यादा समय तक कोरोना संदिग्ध मिलने पर संबंधित को ज्यादा समय तक होम क्वारंटाइन व गंभीर मरीजों को इलाज संबंधी इंतजार नहीं रहना पड़ेगा। इससे संक्रमण की आशंका खत्म होगी। यदि किसी संदिग्ध मरीज में संक्रमण मिलता है तो उसे तत्काल आइसोलेट किया जा सकेगा। अभी स्वास्थ्य की टीम संदिग्ध मरीज में खांसी, जुकाम, बुखार आदि लक्षण मिलने पर सैंपल लेकर फरीदकोट स्थित मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। जांच रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन लग रहे हैं। जल्द ही टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी राज्य सरकार द्वारा 10 ट्रयूनट मशीनें लगाई जा रही हैं। इसी के तहत तुरंत कोरोना वायरस टैस्ट करने और ते•ाी से रोग की पहचान कर मरीजों के इलाज के बेहतर प्रबंधों के लिए सिविल अस्पताल बठिडा में भी पंजाब सरकार की तरफ से एक ट्रयूनट मशीन स्थापित की जा रही है। ये मशीनें बठिडा के अलावा, फाजिल्का, गुरदासपुर, होशियारपुर, कपूरथला, मोगा, मुक्तसर साहिब, एसबीएस नगर, रोपड़ और संगरूर को भेजी गई है, जबकि इससे पहले लुधियाना, जालंधर, मानसा, बरनाला और पठानकोट में 5 ट्रयूनट मशीनें स्थापित हैं। पहले ट्रयूनट मशीन सिर्फ नेगेटिव टेस्टों की पुष्टि करती थी और पॉजिटिव नतीजों के लिए आरटी/पीसीआर द्वारा दोबारा पुष्टि करने की जरूरत पड़ती है। परन्तु अब आइसीएमआर की तरफ से ट्रयूनट मशीन के पॉजिटिव टेस्टों की जांच की पुष्टि ट्रयूनट मशीन द्वारा ही दूसरे पड़ाव का टैस्ट कर किए जाने की मंजूरी दी है। अब आरटीपीसीआर द्वारा पॉजिटिव नतीजों की पुष्टि के लिए नमूने भेजना जरूरी नहीं होगा। ट्रयूनट मशीन के लिए ए.सी. या विशेष बायो -सेफ्टी कैबिनेट की जरूरत नहीं है, इसको प्राथमिक हेल्थ सेंटर में भी आसानी के साथ स्थापित किया जा सकता है। सरकारी अस्पताल, जहां ऐसी मशीनें लगाई जाएंगी, में कोरोना टेस्ट करने के लिए विशेष चिपें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके बाद आरटी-पीसीआर द्वारा पॉजिटिव नतीजों की पुष्टि के लिए नमूने भेजना जरूरी नहीं होगा।

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