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निगम प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हुआ सख्त, जल्दी आएगा सीलिग नोटिस

अब नगर निगम ने कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Nov 2019 11:58 PM (IST)Updated: Sat, 09 Nov 2019 06:36 AM (IST)
निगम प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हुआ सख्त, जल्दी आएगा सीलिग नोटिस
निगम प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर हुआ सख्त, जल्दी आएगा सीलिग नोटिस

सुभाष चंद्र, बठिडा : वर्षों से बकाया चले आ रहे आठ करोड़ रुपये से भी अधिक के प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली के लिए अब नगर निगम ने कड़े कदम उठाने की तैयारी कर ली है। पहला नोटिस जारी किए जाने के बाद भी अधिकतर लोगों की ओर से इसे नजरंदाज किए जाने के बाद कानूनी प्रक्रिया के तहत अब दूसरा नोटिस भेजना शुरू कर दिया है। पांच दिनों के अंदर अपने बकाया टैक्स की अदायगी न किए जाने के बाद अगर अपने टैक्स की अदायगी नहीं की तो म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट के तहत सीलिग नोटिस भेजा जाएगा। इसलिए अब टैक्स बकाएदार लोगों को इस मामले में गंभीर होना पड़ेगा और अदायगी करनी होगी। नहीं तो उनकी बिल्डिंग सील हो सकती है। निगम की ओर से भेजे जा रहे दूसरे नोटिस में स्पष्ट लिखा है कि बीते मई माह में भेजे गए सात दिनों के नोटिस के बावजूद आपने अपना बनता प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं कराया है। इस तरह से आपने पंजाब म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (सेकेंड अमेंडमेंट) एक्ट-2013 की धारा 112-ए (5) का उल्लंघन किया है। अब इस दूसरे नोटिस के माध्यम से आपको एक और मौका दिया जा रहा है। इसके तहत आप अपने टैक्स की पांच दिनों में अदायगी करें। अन्यथा आपके खिलाफ पंजाब म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट 1976 की धारा 112-बी (1) तथा 138 के तहत सीलिग की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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इन पर लागू है प्रॉपर्टी टैक्स

नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक शहर में 95 हजार 429 कमर्शियल व रिहायशी यूनिट हैं। जिसमें से 47 हजार 975 यूनिट पर ही प्रापर्टी टैक्स लागू होता है। इसमें 53 हजार 871 रिहायशी यूनिट में से 31 हजार 636 टैक्सेबल है, जबकि 22 हजार 235 नॉन टैक्सबेल हैं। नॉन टैक्सेबल में केवल 125 गज तक के रिहायशी यूनिट हैं, जिन्हें सरकार की तरफ से टैक्स में छूट है। इसी तरह 15 हजार 818 कमर्शियल यूनिट है। जबकि इनके अलावा 24 हजार खाली प्लाट व 1673 ऐसे यूनिट आफिस है, जोकि नॉन टैक्सबेल में शामिल हैं। निगम की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत है प्रॉपर्टी टैक्स नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स में सबसे अधिक आय कमर्शियल इमारतों से आती है, क्योंकि कमर्शियल बिल्डिग के रेट अधिक है। वहीं किराए पर दी बिल्डिगों से किराए के तहत प्रापर्टी टैक्स की वसूली होती है। ऐसे में निगम को सबसे अधिक आय इनसे ही होती है, हालांकि शहर में रिहायशी मकानों की संख्या सबसे अधिक है, लेकिन नगर निगम की ओर से रखे साढ़े 11 करोड़ रुपये के टारगेट का 50 फीसदी से अधिक टैक्स कमर्शियल इमारतों से ही एकत्र होता है। निगम ने टैक्स फार्म में किया बदलाव लोगों की सुविधा को देखते हुए निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स के फार्म में कई बदलाव किए है। जहां पर हर साल का प्रापर्टी टैक्स भरने के लिए अलग-अलग फार्म भरने पड़ते थे, लेकिन अब एक फार्म पर पिछले पांच साल का टैक्स भर सकेंगे और साथ ही उस फार्म को निगम से वापस ले सकेंगे। चूंकि निगम उन्हें स्कैन कर अपने रिकार्ड में ऑनलाइन कर देगा। इसके बाद अगर आपका फार्म गुम भी जाता है, तो अपना यूआईडी नंबर भरकर वह फार्म की कापी ले सकेंगे। इसके साथ निगम ने इस फार्म में एक बड़ा बदलाव यह किया है। फार्म में भरी जाने वाली जानकारी पूरी जिम्मेवारी संबंधित व्यक्ति की होगी। भविष्य में निगम उक्त यूनिट की स्क्रूटनी करता है और भरी गई जानकारी गलत पाई जाती है, तो उक्त बिल्डिंग मालिक के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी, जबकि पहले ऐसा नहीं था। 2400 नोटिस जारी किए

जा रहा है : लूना

प्रॉपर्टी टैक्स शाखा के सुपरिंटेंडेंट रवि लूना ने बताया कि पहले नोटिस के बाद अब दूसरा नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। फिलहाल कुल 2400 नोटिस जारी किए जा रहे हैं। इसमें पांच दिनों के अंदर-अंदर अपने प्रॉपर्टी टैक्स का भुगतान करने को कहा गया गया। इसके बाद म्यूनिसिपल एक्ट के तहत अगला कदम उठाया जाएगा।


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