निगम ने अपनी दुकानों के किराये के लिए बकाएदारों पर कसा शिकंजा
नगर निगम ने अपनी आय के तमाम स्त्रोतों से एक-एक कर शहर के लोगों की ओर वर्षों से बकाया खड़ी हुई राशि की उगाही के लिए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
सुभाष चंद्र, बठिडा : नगर निगम ने अपनी आय के तमाम स्त्रोतों से एक-एक कर शहर के लोगों की ओर वर्षों से बकाया खड़ी हुई राशि की उगाही के लिए शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इससे पहले जहां प्रॉपर्टी टैक्स अदा न करने वाले दुकानदारों की दुकानें सील की जा रही हैं, वहीं सीवरेज और पानी के बकाया बिलों की वसूली के लिए भी उन पर कानूनी कार्रवाई करनी खातिर उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं। अब नगर निगम ने अपनी किराए पर दी हुई दुकानों के बकाया खड़े हुए किराये की वसूली के लिए भी कड़ा रास्ता अख्तियार कर लिया है। निगम की रेंट ब्रांच ने पिछले तीन वर्षों से दुकानों का किराया अदा नहीं कर रहे दुकानदारों को नोटिस भेजकर उन्हें तुरंत अदायगी करने को कहा है।
इसके बाद भी अगर किराएदार किराया अदा नहीं करते हुए तो निगम इन दुकानों को सील करने पर विचार करेगा। किराएदारों की ओर करीब 60 लाख किराया बकाया नगर निगम की रेलवे स्टेशन के सामने स्थित मछली मार्केट, मेडिकल मार्केट, गोल डिग्गी, फायर ब्रिगेड की बैक साइड, सुभाष मार्केट, कोर्ट रोड पर बस स्टैंड की बैक साइड, फौजी चौक, अमरीक सिंह रोड सहित शहर में कई स्थानों पर कुल 401 दुकानें हैं। हालांकि अधिकतर दुकानों का किराया मामूली ही है। लेकिन कुछ नई दुकानों का किराया 10000 रुपये से लेकर 25000 रुपये तक भी है। लेकिन इनमें से पांच दर्जन से अधिक दुकानों के किराएदार ऐसे हैं जोकि पिछले तीन सालों को निगम को कोई किराया अदा नहीं कर रहे हैं। इन दुकानों का किराया दस हजार रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक है। इनकी ओर किराए की बकाया राशि लगभग 60 लाख रुपये के करीब है। हालांकि नगर निगम लगातार उन्हें किराया अदा करने के लिए कहता आ रहा है, लेकिन किराएदारों की ओर से कोई सुनवाई नहीं की जा रही। जिसके बाद ही अब अब अपनी इन दुकानों के किराएदारों को नोटिस भेजने का काम शुरू किया गया है। अब तक करीब तीन दर्जन किराएदारों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। जबकि अन्य दुकानों के किराएदारों को भी नोटिस भेजने की प्रक्रिया चल रही है। निगम के नोटिसों से किराएदारों में हड़कंप की स्थिति उधर, नगर निगम के इन नोटिसों से किराएदारों में हड़कंप की स्थिति पैदा हो गई है। कुछ दुकानों के किराएदार आपस में भी इस संबंध में रणनीति पर विचार विमर्श कर रहे हैं।
नगर निगम की ओर से अब अपनी आमदनी के सभी स्त्रोतों की बकाया राशि वसूल करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। दस करोड़ रुपये की सीवरेज और पानी के बिलों की बकाया राशि की वसूली के लिए उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। दो नोटिस भेजे जा चुके हैं। जबकि तीसरे नोटिस के बाद उनके खिलाफ अदालती कार्रवाई की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इसी तरह हाउस टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स के बकाए के लिए भी नोटिस जारी किए जा रहे हैं। हाल ही में कई दुकानों को सील भी किया जा चुका है। निगम अब इस तरह किराए पर दी हुई अपनी दुकानों को भी सील करने पर विचार किया जा रहा है।