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मेयर हाउस में सरकारी आटा नहीं, लोगों की ओर से दान दिया राशन का स्टाक : कमिश्नर

वीडियोग्राफी करके वहां पर सैकड़ों थैली आटा बताने के बाद अब यह मामला पूरी तरह से गरमा गया है।

By Vikas_KumarEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 06:04 PM (IST)Updated: Sat, 31 Oct 2020 02:40 AM (IST)
मेयर हाउस में सरकारी आटा नहीं, लोगों की ओर से दान दिया राशन का स्टाक : कमिश्नर
मेयर हाउस में सरकारी आटा नहीं, लोगों की ओर से दान दिया राशन का स्टाक : कमिश्नर

जागरण संवाददाता, बठिडा : नगर निगम के अधिकारियों की तरफ से क‌र्फ्यू दौरान इकट्ठे किए आटे के पड़े-पड़े खराब हो जाने पर उसे दबाने का मामला सामने आने और बीते बुधवार की शाम को पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला की अगुआई में अकाली वर्करों के बंद पड़े मेयर हाउस में घुसकर वहां पड़े स्टाक की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी करके वहां पर सैकड़ों थैली आटा बताने के बाद अब यह मामला पूरी तरह से गरमा गया है। शिअद के वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक सरूप चंद सिगला की ओर से यह आटा गरीबों को बांटने की बजाय मेयर हाउस में रखकर खराब करने का दावा किए जाने के बाद नगर निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल को वीरवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस करके सफाई देनी पड़ी। प्रेस कांफ्रेंस भी उसी बंद पड़े मेयर हाउस में रखी गई और इस दौरान उन्होंने वहां पर रखा हुआ स्टाक भी दिखाया। सवाल खड़े करता है

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मेयर हाउस में स्टोर स्टाक

बेशक कमिश्नर ने यह स्टाक दिखाते हुए दावा किया कि इसमें आटा नहीं, अन्य सूखा राशन है जोकि अभी भी काम में आ सकता है। यह सरकारी राशन भी नहीं है, यह नगर निगम के कर्मचारियों, समाजसेवी संस्थाओं की ओर से प्राइवेट तौर पर इकट्ठा की राशन की किटें हैं। लेकिन इसके बावजूद यह स्टाक भी सवाल पैदा करता है कि इसे रखा ही क्यों गया। क‌र्फ्यू खुलने के बाद इसे स्टाक करके रखने के बजाय क्यों नहीं गरीब लोगों को बांट दिया गया, इसमें कुछ राशन खराब हो गया लगता है। कमिश्नर ने बताया कि सरकारी तौर पर 6000 राशन की किटें आई थीं, जोकि सभी फूड सप्लाई विभाग के माध्यम से बांट दी गई। 30 हजार किटें निगम ने समाजसेवी संस्थाओं के सहयोग से इकट्ठा की थीं। इसमें चावल, दालें, चीनी, नमक, मिर्च, सोयाबीन बड़ियां आदि अन्य सामान शामिल है। इसके अलावा कुछ किटें श्रमिकों को बांटने के लिए तैयार की थी, जोकि ट्रेनों के माध्यम से जा रहे थे। लेकिन ट्रेनों में जाने वाले मजदूरों को किसी और संस्था ने खाने का सामान दे दिया और उनकी ओर से तैयार की हुई किटें बच गईं। मेयर हाउस में करीब 800 किटों के अलावा समाजसेवी संस्थाओं द्वारा दान दी गई करीब एक हजार राशन की किटों का स्टाक है। जोकि मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी के तहत बांट दिया जाएगा, या फिर यह सर्दियों में लंगर लगाने के काम आ जाएगा। इसके अलावा निगम की ओर से सांझी रसोई खोली जा रही है। इसमें 10 रुपये थाली खाना दिया जाएगा। वहां पर भी इस राशन को इस्तेमाल कर लिया जाएगा। कमिश्नर की शिकायत पर तीन अकाली नेताओं पर केस दर्ज

बीते बुधवार की शाम को म्यूनिसिपल कालोनी स्थित बंद पड़े मेयर हाउस में दाखिल होने वाले अकाली दल के तीन नेताओं के खिलाफ थर्मल पुलिस ने केस दर्ज किया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि उक्त लोग करीब 20 अन्य लोगों को साथ लेकर कोठी की दीवार फांदकर मेयर हाउस के अंदर दाखिल हुए व अराजकता फैलाने की कोशिश की। यह नगर निगम कमिश्नर बिक्रमजीत सिंह शेरगिल की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। इसमें शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता चमकौर सिंह मान, पूर्व पार्षद निर्मल सिंह सिद्धू तथा राजदीप सिंह निवासी प्रताप नगर को नामजद किया है।

आटा दबाने के मामले की जांच को डीसी ने बनाई कमेटी

नगर निगम के अधिकारियों की ओर से बीते मंगलवार को जागर्स पार्क में करीब 12 क्विंटल ाटा दबाने के मामले में कमिश्नर ने कहा कि यह निदनीय कार्रवाई है। बेशक यह आटा सरकारी नहीं था और नगर निगम के कर्मचारियों ने ही इकट्ठा किया था। जिसे ओपन एयर थियेटर के पास एक कमरे में रखा हुआ था। लेकिन इसे दबाने का हर्जाना उन्हें भुगतना ही पड़ेगा। मैं खुद भी इस कार्रवाई को गलत मानता हूं। इसलिए उनकी ओर से यह मामला सरकार के ध्यान में लाने के बाद डीसी बी श्रीनिवासन ने एडीसी (जनरल) तथा डीएफएससी की दो सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है। जोकि इस मामले की जांच कर रहे हैं। कमिश्नर ने इन चर्चाओं को निराधार बताया कि इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई है। उन्होंने कहा कि किसी को अभी क्लीन चिट नहीं दी गई है।


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