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निगम ने शुरू की त्रिवेणी से मेंटीनेंस का काम वापस लेने की तैयारी

288 करोड़ रुपये के कांट्रैक्ट के तहत शहर के हर घर को सीवरेज और वाटर सप्लाई की शत-प्रतिशत सुविधा उपलब्ध कराने और मेंटीनेंस का काम भी करने का कार्य संभाले हुए त्रिवेणी इंजीनिय¨रग लिमिटेड से एक जनवरी से मेंटीनेंस का काम अपने हाथों में लेने की नगर निगम की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 17 Nov 2018 07:36 PM (IST)Updated: Sat, 17 Nov 2018 07:36 PM (IST)
निगम ने शुरू की त्रिवेणी से मेंटीनेंस का काम वापस लेने की तैयारी
निगम ने शुरू की त्रिवेणी से मेंटीनेंस का काम वापस लेने की तैयारी

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : 288 करोड़ रुपये के कांट्रैक्ट के तहत शहर के हर घर को सीवरेज और वाटर सप्लाई की शत-प्रतिशत सुविधा उपलब्ध कराने और मेंटीनेंस का काम भी करने का कार्य संभाले हुए त्रिवेणी इंजीनिय¨रग लिमिटेड से एक जनवरी से मेंटीनेंस का काम अपने हाथों में लेने की नगर निगम की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। शनिवार को छुट्टी होने के बावजूद नगर निगम कमिश्नर डॉ. ऋषिपाल ¨सह ने अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की और उन्हें यह काम अपने हाथ में लेने के लिए तमाम व्यवस्थाओं को तुरंत पूरा कर लेने के निर्देश दिए, ताकि एक जनवरी के निर्धारित दिन को मेंटीनेंस का कार्य नगर निगम अपने हाथों में ले सके।

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निगम ने किया था ढाई साल पहले त्रिवेणी से कांट्रैक्ट

राज्य की पूर्व अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब ढाई वर्ष पहले नगर निगम हाउस पर सत्तासीन गठबंधन ने शहर को 100 फीसद सीवरेज और वाटर सप्लाई की सुविधा देने और मेंटीनेंस का काम करने के लिए 288 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट किया था। बेशक इस कांट्रैक्ट को हाउस की बैठक में पास करने के दौरान ही सीनियर डिप्टी मेयर तरसेम चंद गोयल की ओर से पहले कांट्रैक्ट को पढ़ लेने की बात कह देने पर हंगामा हो गया था। जबकि उनके कहने का मतलब केवल इतना ही था कि कांट्रैक्ट केवल चंडीगढ़ लेवल के अधिकारियों ने ही पढ़ा है, उसमें क्या टर्म एंड कंडीशंज हैं हाउस को नहीं पता। चूंकि इसकी पेमेंट निगम ने ही करनी है इसलिए इसे पास करने से पहले निगम हाउस को भी पढ़ लेना चाहिए। लेकिन इतनी बात को लेकर उनके गठबंधन के साथियों ने हंगामा खड़ा कर दिया। यह हंगामा बाद में भी कई दिन तक चलता रहा। लेकिन कांट्रैक्ट के तहत शहर में काम शुरू होने के छह माह बाद ही विवाद होने शुरु हो गए। करीब चार माह पहले जब शहर में बारिश के दिनों में जलभराव और बिना बरसात सीवरेज ओवरफ्लो होने लगा तो पार्षदों से लेकर अधिकारियों के स्तर पर भी विरोध मुखर हो गया।

17 सितंबर को काम वापस

लेने का हुआ था फैसला

जलभराव होने को लेकर क्षेत्र के विधायक व वित्तमंत्री मनप्रीत ¨सह बादल भी दुखी हो गए थे। पहले उन्होंने निगम कार्यालय में त्रिवेणी, सीवरेज बोर्ड सहित निगम अधिकारियों के साथ बैठक कर बदहाल स्थिति को लेकर संबंधितों की जमकर क्लास लगाई थी। इसके बाद निगम ने अपने स्तर पर एक करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज की सफाई का काम शुरु किया। बीती 17 ¨सतबर को वित्तमंत्री ने फिर से थर्मल प्लांट के गेस्ट हाउस में बैठक की। इस दौरान सीवरेज बोर्ड के माध्यम से त्रिवेणी से मेंटीनेंस का काम वापस लेने का फैसला हुआ। कहा गया कि त्रिवेणी मेंटीनेंस का काम 31 दिसंबर तक ही करेगा। एक जनवरी यह काम निगम अपने स्तर पर करेगा। गौरतलब है कि 288 करोड़ रुपये के कांट्रैक्ट के तहत 68 करोड़ रुपये का काम सीवरेज व वाटर सप्लाई की मेंटीनेंस का है।

बैठक में स्टाफ संबंधी प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश

चूंकि काम अपने हाथ में लेने पर निगम को स्टाफ की जरूरत होगी। जिसमें एक्सइएन, एसडीओ, जेईस तथा चतुर्थ कर्मी शामिल हैं। सीवरेज बोर्ड के पास इस वक्त 2 एक्सइएन, 3 एसडीओ, 6 जेई तथा 180 सफाई कर्मी हैं। इसके अलावा 100 कर्मचारी त्रिवेणी कंपनी के पास ही हैं। हालांकि सीवरेज बोर्ड के कर्मियों को निगम ही वेतन देता है, इसलिए बैठक में उन्हें डेपुटेशन पर लेने पर विचार किया गया। इसी तरह त्रिवेणी कंपनी के पास काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को भी ठेके पर लेने विचार किया। लेकिन इन सभी के लिए हाउस से मंजूरी लेकर स्थानीय निकाय विभाग से भी अनुमति लेनी होगी। बैठक में इस संबंध में हाउस की जनरल बैठक में पारित कराने के लिए विभिन्न प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया, ताकि एक जनवरी से पहले मेंटीनेंस का काम अपने हाथ में लेने की मुकम्मल तैयारी हो सके।


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