एनएचएम कर्मचारियों ने बस स्टैंड के बाहर लगाया जाम
पक्की नौकरी के लिए पिछले नौ दिन से सेहत सेवाएं ठप कर सिविल अस्पताल में रोष धरना दे रहे राष्ट्रीय हेल्थ मिशन (एनएचएम) मुलाजिम शुक्रवार को सड़कों पर उतरे।
जासं, बठिडा: पक्की नौकरी के लिए पिछले नौ दिन से सेहत सेवाएं ठप कर सिविल अस्पताल में रोष धरना दे रहे राष्ट्रीय हेल्थ मिशन (एनएचएम) मुलाजिम शुक्रवार को सड़कों पर उतरे। बस स्टैंड तक रोष मार्च किया और वहीं धरना देकर चक्का जाम कर दिया। इसके चलते सड़कों पर वाहनों की लंबी-लबी लाइनें लग गई। बसों की आवाजाही भी रुक गई, जिसके चलते यात्री परेशान हुए। ट्रैफिक पुलिस को कई जगह रूट डायवर्ट करने पड़े। भागू रोड, मिनी सचिवालय रोड आदि पर भी जाम की स्थिति बन गई। आम जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए तहसीलदार मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लेकर जाम खुलवाया।
दरअसल, राष्ट्रीय सेहत मिशन के तहत काम कर रहे प्रदेश भर के कर्मचारी पंजाब सरकार से अपनी सेवाओं को रेगुलर करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बाबत बीते दिनों राज्य के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के साथ बैठक भी हुई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके चलते समूह एनएचएम कर्मियों में पंजाब सरकार के खिलाफ रोष है।कर्मचारियों ने आंदोलन को तेज करने की चेतावनी देते हुए जिला स्तर पर पहुंचने वाले मंत्री व मुख्यमंत्री का विरोध करने की घोषणा की है। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को अपनी सेहत सेवाएं ठप रखकर शहर में रोष मार्च किया। समूह मुलाजिमों के हवाले से एसोसिएशन की प्रदेश कमेटी ने ऐलान किया मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री अलग-अलग प्रोग्राम के अंतर्गत जो भी जिले में जाएंगे, उनको मुलाजिमों के विरोध का सामना करना पड़ेगा। 15 साल की सेवा पूरी कर चुके हैं 4385 कर्मचारी एनएचएम इंप्लाइज यूनियन के नेताओं ने बताया कि सेहत मंत्री ने कोरोना के बाद सभी कोरोना योद्धाओं को रेगुलर करने का वादा किया था, जोकि पूरा नहीं किया गया। सेहत मंत्री के साथ पैनल मीटिग बेनतीजा रही। 4385 कर्मचारी पिछले 15 वर्ष में अपनी सेवाएं पूरी कर चुके हैं, लेकिन पंजाब सरकार द्वारा कोरोना योद्धाओं के साथ मजाक किया जा रहा है। जब तक सरकार मुलाजिमों को द पंजाब प्रोटेक्शन एंड रेगुलाइजेशन आफ कांट्रैक्टल इंप्लाइज बिल-2021 में शामिल नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रहेगी। 30 नवंबर को खरड़ में करेंगे प्रदेश स्तरीय रैली प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान मुलाजिमों पूरी तनदेही के साथ लोगों को सेहत सेवाएं दे रहे हैं, परंतु मात्र प्रशंसा पत्रों के साथ मुलाजिमों की आर्थिक तंगी नहीं दूर होने वाली है। इसके लिए सरकार को मुलाजिमों को रेगुलर करने और वेतन स्केल देने की तरफ कार्यवाही करनी ही पड़ेगी। मुलाजिमों ने 30 नवंबर को खरड़ में प्रदेश स्तरीय रैली करने का ऐलान किया और इसकी सूचना राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, सेहत मंत्री, विभाग के उच्च -आधिकारियों और जिला स्तर के आधिकारियों को लिखित रूप में दे दी गई है।