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स्वच्छ सर्वेक्षण-2023.. इस बार सबसे पहले होगा सिटीजन फीडबैक

केंद्र सरकार ने अभी स्वछ सर्वेक्षण 2022 का परिणाम घोषित नहीं किया है लेकिन अगले साल होने वाले स्वछ सर्वेक्षण-2023 को लेकर नई गाइडलाइन जरूरी जारी कर दी हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Aug 2022 01:44 AM (IST)Updated: Fri, 26 Aug 2022 01:44 AM (IST)
स्वच्छ सर्वेक्षण-2023.. इस बार सबसे पहले होगा सिटीजन फीडबैक
स्वच्छ सर्वेक्षण-2023.. इस बार सबसे पहले होगा सिटीजन फीडबैक

नितिन सिगला, बठिडा

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केंद्र सरकार ने अभी स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 का परिणाम घोषित नहीं किया है, लेकिन अगले साल होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 को लेकर नई गाइडलाइन जरूरी जारी कर दी हैं ताकि नई गाइडलाइन के अनुसार नगर निगम सर्वेक्षण की तैयारी कर सकें। हर बार की तरह इस बार भी केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण में काफी बदलाव किए हैं। इस बार सर्वेक्षण 7,500 के बजाय 9,500 अंकों का होगा। ऐसे में दो हजार अंक बढ़ा दिए गए हैं। सर्वेक्षण चार चरणों में होगा। इस बार सिटीजन फीडबैक सबसे पहले लिए जाएंगे, जबकि इससे पहले अंतिम चरण पर सिटीजन फीडबैक लिया जाता था। वहीं 2022 के स्वच्छता सर्वे का परिणाम अगले महीने तक आने की संभावना है।

सर्वेक्षण-2023 की नई गाइडलाइन के मुताबिक अब एक अक्टूबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक फीडबैक लिया जाएगा। इससे पहले अप्रैल अंत तक फीडबैक लेने की प्रक्रिया चलती थी, जिसमें अब बदलाव किया गया है। शहरों में स्वच्छता और साफ-सफाई के पैमानों में साल दर साल बदलाव किया जा रहा है। इस बार स्वच्छता सर्वे 2023 के तहत 9,500 अंक निर्धारित किए गए हैं, जिसमें 48 प्रतिशत अंक कचरा उठाव और उसके निस्तारण पर दिए जा रहे हैं। पिछली बार 7,500 अंक निर्धारित थे। इस बार सर्विस आधारित प्रगति पर 3,000 की जगह 4,525 अंक, सर्टिफिकेशन पर 2,250 की जगह 2,500 अंक और सिटीजंस फीडबैक पर 2,250 की जगह 2,475 अंकों की व्यवस्था की गई है। 7500 अंकों में की गई दो हजार अंकों की बढ़ौतरी

9500 अंकों को रहेगा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023

48 प्रतिशत अंक कचरा निस्तारण के रखे गए

गीले-सूखे कचरे को अलग करना सबसे बड़ी चुनौती

बेशक स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 शुरू हो गया है, लेकिन इस बार अधिक चुनौतियां है, जिनका सामना अधिकारियों को करना होगा। जिले के किसी भी शहर में नाइट स्वीपिंग नहीं हो रही है। ऐसे में इस समस्या को दूर करना होगा। सबसे बड़ी समस्या ये है कि डोर-टू-डोर जो कूड़ा उठाया जा रहा है उसे गीला व सूखा भी अलग नहीं किया जा रहा है, जिससे इसे पार पाना भी जरूरी है। इसके अलावा शहरवासियों को क्या सुविधा मिल रही है इस पर भी अधिक ध्यान देना होगा। इस बार नया यह है कि सीवरेज के पानी का ट्रीट किया जा रहा है या नहीं इसके अंक भी निर्धारित किए गए हैं। सिटीजन फीडबैक पहले लेने का मुख्य कारण ये है कि अब शहरों की तस्वीर साफ हो जाएगी। पहले टीम आने के बाद शहर को चकाचक कर दिया जाता था और शहरवासियों से फीडबैक लिया जाता तो वो ठीक ही देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फोन द्वारा ही सिटीजन फीडबैक लिया जाएगा। कूड़ा उठाना व निस्तारण करने पर मिलेंगे अधिक अंक मिलेंगे। गुटखा या पान खाकर इधर-उधर थूकने से गिरेगी शहर की रैंकिंग

इस बार सर्विस लेवल प्रोग्राम मसलन कचरा उठाना, सीवरेज के ढकन, साफ- सफाई, जैविक खाद बनाने जैसी प्रक्रिया के 48 प्रतिशत अंक निर्धारित किए गए हैं। वहीं सार्वजनिक स्थानों पर गुटखा, पान, खैनी को यहां-वहां थूकने का भी आकलन सर्वे टीम करेगी। यानी गुटखा, पान या खैनी यहां-वहां थूकने की तस्वीर से शहर की रैंकिग में डाउन होने की स्थिति बन सकती है। सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 4,525 अंक निर्धारित

सर्विस लेवल प्रोग्रेस अहम रहेगा। 9,500 अंकों में से 4,525 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के निर्धारित किए गए हैं। सर्विस लेवल प्रोग्रेस में निर्धारित 4,525 में से 1,750 अंक तो कूड़ा उठाने की सेवा को लेकर ही मिलेंगे। इसमें देखा जाएगा की शहर में कूड़ा उठाने की किस तरह की सेवा मुहैया करवा रही है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन के अंक हुए दोगुने

नए गाइडलाइन के अनुसार जहां सीवरेज के ढक्कन 100 फीसद कवर होने चाहिए, वहीं कचरा प्रबंधन के 1,830 अंक इस बार निर्धारित किए गए हैं, जबकि पिछले वर्ष 1,200 अंक इसके थे। घर से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन नगर निगम किस तरह करती है, इस पर खास फोकस रहेगा। अपने शहर के लिए सबसे बड़ी परेशानी इन अंकों को हासिल करना शुरू से रहा है। कूड़ा उठाने पर इस इस बार अंक करीब दोगुने कर दिए गए हैं। पिछले साल जहां कूड़ा उठाने की सर्विस के 900 अंक निर्धारित थे, इस बार इसे बढ़ाकर 1,750 अंक किए गए हैं। वाटर सप्लाई मैनेजमेंट और सफाईकर्मियों की सुरक्षा को लेकर 945 अंक निर्धारित किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसके लिए 900 अंक निर्धारित थे। नए सर्वेक्षण में बढ़े अंक

सुविधा पहले अब

सर्विस 3,000 4,525

सर्टिफिकेशन 2,250 2,500

सिटीजन फीडबैक 2,250 2,475

कुल 7,500 9,500


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