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शिक्षक को भी शिक्षार्थी की भूमिका में होना चाहिए

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में एमएचआरडी द्वारा प्रायोजित सोशल साइंसेज में दार्शनिक और पद्धतिगत आधार विषय पर एक साप्ताहिक राष्ट्रीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 19 Nov 2018 09:05 PM (IST)
शिक्षक को भी शिक्षार्थी की भूमिका में होना चाहिए
शिक्षक को भी शिक्षार्थी की भूमिका में होना चाहिए

जागरण संवाददाता, ब¨ठडा :

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पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में एमएचआरडी द्वारा प्रायोजित सोशल साइंसेज में दार्शनिक और पद्धतिगत आधार विषय पर एक साप्ताहिक राष्ट्रीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इसमें देश भर के 35 प्रतिभागियों ने विभिन्न विषयों का प्रतिनिधित्व किया और शिक्षण व अधिगम के मुद्दों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया। उद्घाटन स्तर में राष्ट्रीय शिक्षाएं योजना व प्रशासन संस्थान एनआईईपीए नई दिल्ली से डॉ. आरती श्रीवास्तव ने उच्चतर शिक्षा विश्वविद्यालय से बहु विश्वविद्यालय में स्थानांतरित होने पर प्रकाश डाला। कुलपति पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रो. आरके कोहली व डीन अकादमिक मामलों प्रो. पीराम राए ने उद्घाटन स्तर में प्रतिभागियों को भी संबोधित किया।

आयोजन सचिव डॉ. नरेश ¨सगला ने कार्यशाला और शिक्षण अधिगम केंद्र के उद्देश्यों को समझाया। पूरे सप्ताह में प्रतिभागियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई, जहां संसाधन व्यक्तियों ने अलग-अलग बहस के लिए एंकर के रूप में सुविधा प्रदान की। विज्ञान सामाजिक विज्ञान दर्शन के साथ उनके संबंध और उनकी अनूठी पद्धतियों के ऐतिहासिक विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर व्यापक चर्चा की गई।

देश के दक्षिणी क्षेत्र के प्रतिभागियों सहित डॉ. आर शिवानमानिकंदन ने टिप्पणी की कि इस कार्यशाला ने शिक्षण और अधिगम की पद्धतियों पर नए सफल नवाचारों को साझा करने के लिए विभिन्न विषयों के प्रतिभागियों को बातचीत का दायरा प्रदान किया। डॉ. अजय के साहू व डॉ. ब्राज मोहन पट्टायत सहित देश के पूर्वी क्षेत्र के प्रतिभागियों ने साझा किया कि आधुनिक युग में शिक्षक को भी शिक्षार्थी की भूमिका में होना चाहिए।

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षण अधिगम केंद्र के समन्वयक डॉ. विनोद आर्य ने माता पिता को अपनी लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए भेजने के विषय पर प्रेरित करने के लिए सामान्य अपील के साथ पारंपरिक लोक मीडिया संचार जैसे नुक्कड़ नाटकों को अपनाने की आवश्यकता का सुझाव दिया। इसके अलावाए उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय डॉ. शकीला टी. शमसु यूजीसी में विशेष कर्तव्य पर अधिकारी प्रो. वीके गर्ग निदेशक टीएलसी और संकाय सदस्यों को कार्यशाला के सफल संगठन में निरंतर और सक्रिय समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया।


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