Move to Jagran APP

भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने वाली है राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: प्रो. तिवारी

नई शिक्षा नीति को 29 जुलाई को एक वर्ष पूरा होने वाला है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 04:49 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 04:49 AM (IST)
भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने वाली है राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: प्रो. तिवारी
भारत को विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने वाली है राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020: प्रो. तिवारी

संस, बठिडा: नई शिक्षा नीति को 29 जुलाई को एक वर्ष पूरा होने वाला है। इस संबंध में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राघवेंद्र प्रसाद तिवारी पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम के विचारों का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत की शिक्षा प्रणाली में तत्काल सुधार की आवश्यकता है। आवश्यकता इस बात की है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के लिए अच्छे गुणों को विकसित करने के साथ व्यक्ति को प्रशिक्षण प्रदान कर सके। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) में सभी आवश्यक बदलावों को शामिल करने की कोशिश की गई। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए एक वर्ष पहले भारत सरकार द्वारा घोषित इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करना और भी जरूरी हो गया है।

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि एनईपी-2020 वास्तव में सिर्फ एक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए राष्ट्र निर्माण के प्रति भारत सरकार की कटिबद्धता को दर्शाता है। विद्यार्थी केंद्रित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में ऐसी ठोस व्यवस्था की गई है जिससे समानता, किफायती और सीखने के व्यापक अवसरों के आधार पर आजीवन सीखने वाले ज्ञान आधारित समाज का निर्माण करना संभव हो सकेगा। प्रो. तिवारी ने इस बात पर बल दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्हें पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु को नए और ताजा विचारों से भरने में सक्षम होना चाहिए। संक्षेप में कहें तो राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 सहायक, देखभाल करने वाली व भरोसेमंद है। इसका उद्देश्य मानवता की भलाई और शैक्षणिक व नैतिक उत्कृष्टता के बीच संबंध विकसित करना है।

प्रो. तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 राष्ट्रीय आकांक्षाओं को साकार करने के लिए पूरी तरह से सुसज्जित है। अगर एक साल के घुटनों पर चलने वाले बच्चे को भी सही संदर्भों और सही इरादे से युवा होने तक पोषण दिया जाए, तो इसमें निहित परिवर्तनकारी सुधार ऐसे भारत केंद्रित युवाओं को तैयार करेंगे जो प्राचीन शिक्षा प्रणाली की खोई हुई प्रतिष्ठा को दोबारा हासिल करने और भारत को विश्व गुरु के रूप में दोबारा स्थापित करने में सक्षम होंगे। उन्होंने सभी से इस नवोन्मेषी लर्निंग ईको-सिस्टम के जरिए अपने प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत को बनाने के आह्वान पर आगे बढ़ने की अपील की।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.