मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने की कलम छोड़ हड़ताल
डीए का तीन फीसद देने का एलान करने के विरोध में मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने संघर्ष शुरू कर दिया है।
जागरण संवाददाता, बठिडा : पंजाब सरकार की तरफ से डीए का तीन फीसद देने का एलान करने के विरोध में मिनिस्ट्रियल स्टाफ ने संघर्ष शुरू कर दिया है। इसके चलते शुक्रवार को जिला प्रबंधकीय काम्पलेक्स के सभी दफ्तरों में स्टाफ की ओर से कलम छोड़ हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। जबकि इस हड़ताल के कारण दो दिनों में एक हजार से अधिक लोगों को परेशान होना पड़ा, क्योंकि यहां पर हर रोज 250 विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं तो 500 के करीब लोग अपने कई प्रकार के मसलों को लेकर आते हैं। लेकिन हड़ताल के कारण यह काम प्रभावित हुआ। जबकि हड़ताल दो दिन वीरवार व शुक्रवार की थी, जिसके बाद शनिवार व रविवार की छुट्टी होगी तो सोमवार को दफ्तर खुलने की संभावना है। मगर यूनियन की चेतावनी भी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह सोमवार को भी प्रदर्शन कर सकते हैं।
हड़ताल से यह काम हुए प्रभावित
मिनिस्ट्रियल स्टाफ की के कारण सबसे अहम काम तो रजिस्ट्रियों का प्रभावित हुआ, यहां पर हर रोज 60 के करीब रजिस्ट्रियां होती है। मगर हड़ताल के कारण दफ्तर पूरी तरह से खाली रहा। इसके अलावा आरटीए दफ्तर में वाहनों की आरसी बनवाने के लिए आने वाले लोगों को यही बोला गया कि आप सोमवार को आएं। जबकि यहां पर हर रोज 250 के करीब वाहनों की आरसी बनाई जाती है। यहां तक कि लोगों को वाहनों की आरसी के लिए भरी जाने वाली फीस का कोड भी नहीं लगाकर दिया गया। इसी प्रकार विभिन्न प्रकार के सर्टिफिकेट बनवाने के लिए आए लोगों को भी खाली हाथ ही वापिस लौटना पड़ा।
यूनियन के सीनियर मेंबर कुलदीप शर्मा ने बताया कि वह अपनी मांगों को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हर बार सरकार उनको भरोसा देकर संघर्ष को समाप्त करवा देती है। मगर अब डीए की तीन फीसद जारी करने का ऐलान किया गया, जिसको वह किसी भी कीमत पर नहीं अपनाएंगे। अगर सरकार पूरा डीए देगी तो ही वह संघर्ष खत्म करेंगे।
इसके विरोध में वह शुक्रवार को भी कलम छोड़ हड़ताल करेंगे, अगर इस दौरान भी उनकी मांगों की तरफ ध्यान न दिया गया तो वह सोमवार को राज्य स्तरीय मीटिग कर अगले संघर्ष की तैयारी करेंगे।