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दूध-पनीर से लेकर देसी घी में हो रही मिलावट

हमारी रोजाना खाने-पीने की बहुत सी चीजों में मिलावट हो रही है। मिलावटी चीजें स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Apr 2021 04:00 AM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 04:00 AM (IST)
दूध-पनीर से लेकर देसी घी में हो रही मिलावट
दूध-पनीर से लेकर देसी घी में हो रही मिलावट

नितिन सिगला, बठिडा

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हमारी रोजाना खाने-पीने की बहुत सी चीजों में मिलावट हो रही है। मिलावटी चीजें स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही हैं। ज्यादा पैसे कमाने के चक्कर में सामान में मिलावट का खेल चल रहा है। मिलावटी चीजें खाने से पेट से संबंधित गंभीर बीमारियां अल्सर, ट्यूमर आदि होने का बहुत ज्यादा खतरा रहता है। सेहत विभाग की टीम हर माह चेकिग कर विभिन्न खाद्य पदार्थो की सैंपलिग करती है और उन्हें जांच करने के लिए लैब भेजती है। सैंपल फेल होने पर एक्ट के मुताबिक जुर्माना या कार्रवाई की जाती है। इसके बावजूद भी हर खाने-पीने की चीज में मिलावटखोरी का खेल चल रहा है। दूध और दूध से बने उत्पाद के साथ घरों में रोजाना इस्तेमाल होने वाली दालों से लेकर मसालों में और देसी घी से लेकर रिफाइंड समेत अन्य खाद्य पदार्थो में भी जमकर मिलावट की जा रही है। विभाग की ओर से गत एक साल में की गई सैंपलिग रिपोर्ट में 40 फीसद चीजें तय मानकों पर खरी नहीं उतर रही है। हर दसवीं चीज में मिलावट हो रही है। मिलावटखोरों पर जुर्माना व सजा होने के बाद भी सेहत विभाग सौ फीसद मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने में सफल नहीं हो रहा है।

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सेहत विभाग की टीम की ढीली कारगुजारी

मिलावट रोकने के लिए सेहत विभाग की टीम को हर माह कम से कम 100 खाद्य पदार्थों के सैंपल भरने होते हैं, लेकिन एक साल में 124 की सैंपल भरे, जबकि कम से कम 1200 सैंपल भरने जरूरी थे। कोरोना महामारी के चलते 9 माह तक सब कुछ बंद रहने के कारण सैंपल नहीं भरे जा सके है। 124 सैंपलों में 15 सैंपल फेल मिले थे जबकि 17 की रिपोर्ट आनी बाकी है। फेल सैंपल हर रोज प्रयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थो के हैं।

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अब तक 82 केसों में 15.56 लाख रुपये का जुर्माना

सेहत विभाग के अनुसार एक जनवरी 2018 से लेकर मार्च 2021 तक फूड सेफ्टी विभाग की ओर से विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों के सैंपल भर गए थे। विभाग ने अब तक करीब 82 केसों में 15 लाख 56 हजार रुपए का जुर्माना करवाया है, जिसमें सबसे बड़ा जुर्माना पांच लाख रुपये वाला है। खाद्य उत्पाद विनियामक भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआइ) ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद की सजा और दस लाख रुपये तक का दंड देने का प्रावधान है। एफएसएसएआइ ने 2006 के खाद्य सुरक्षा और मानक कानून में संशोधन के बाद किया है। ऐसे में उस व्यक्ति पर कम से कम दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया सकता है।

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सरकार ने जारी कर रखे हैं दिशा निर्देश

जिला सेहत अफसर डा. ऊषा गोयल ने बताया कि सेहत विभाग फूड एंड सेफ्टी स्टेंडर्ड एक्ट के तहत सरकार के तरफ से कुछ जरूरी दिशा निर्देश जारी कर रखे हैं। इसके तहत होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, फास्ट फूड बेचने वाले लोगों को किस प्रकार से अपनी दुकान में साफ-सफाई रखने के अलावा उनका बनाने की पूरी ट्रेनिग लेना लाजिमी है। ट्रेनिग हासिल करने वालों को सार्टिफिकेट जारी किया जाएगा।

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रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ रही है

सिविल अस्पताल बठिडा की एमडी मेडिसन डा. रमनदीप गोयल का कहना है कि मिलावटी खाद्य सामग्री खाने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी का नतीजा है कि पहले की अपेक्षा अब अधिक लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आ रही है। मिलावटी मावा किडनी व लीवर को खराब कर सकता है। इससे संक्रमण पैदा हो सकता है। सिर दर्द, पेट दर्द व त्वचा रोग हो सकते हैं।

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ऐसे करें मिलावटी सामान की पहचान

नकली मावा को पहचाना जा सकता है। मावा सफेद या हलके पीले रंग का है तो वह मिलावटी हो सकता है। सूंघने पर मिलावटी मावे की खुशबू अजीब सी लगती है, जबकि ओरिजिनल मावा की महक अच्छी होती है। मावे को हाथ से रगड़ने पर ओरिजिनल होने पर घी छोड़ता है। नकली होने पर मावा कड़वा लगता है। नकली मावा आसानी से पानी में नहीं घुलता। मिलावटी मावा बनाने में दूध पाउडर का इस्तेमाल होता है।

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अब तक भरे गए सैंपल

माह सैंपल भरे फेल हुए सैंपल

जनवरी 2020 15 4

फरवरी 26 2

मार्च 35 2

जून 6 1

जुलाई 14 3

अक्टूबर 9 3

नवंबर 9 0

जनवरी 2021 10 0

फरवरी 25 0 (आठ पास है, जबकि 17 की रिपोर्ट पेडिग है)

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इनके सैंपल हुए फेल

तारीख फेल हुई आइटम

तीन जनवरी 2020 दूध, पनीर

आठ जनवरी सोयाबिन तेल

तीन फरवरी खोया पेड़ा

तीन फरवरी खोया बर्फी

11 मार्च पनीर

13 मार्च देसी घी

14 जून पनीर

10 जुलाई दूध

10 जुलाई दूध

10 जुलाई हल्दी पाउडर

27 अक्टूबर पीसी हुई चीनी

27 अक्टूबर लाल राजमह

27 अक्टूबर रिफाइंड


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