बिना आरसी व बीमा वाली कार से टेस्ट ड्राइविंग, वसूली 150 रुपये
गुरप्रेम लहरी, ब¨ठडा डीटीओ दफ्तर में लोगों की होने वाली लूट को रोकने के लिए सरकार
गुरप्रेम लहरी, ब¨ठडा
डीटीओ दफ्तर में लोगों की होने वाली लूट को रोकने के लिए सरकार की ओर से शुरू किए गए ऑटोमेटिड ड्राइ¨वग टेस्ट पार्क में भी अब आम लोगों की लूट होनी शुरू हो गई है। गांव नरुआना में बनाए गए टेस्ट पार्क में अब ड्राइ¨वग लाइसेंस बनाने के लिए अपनी गाड़ी लानी बेहद जरूरी है। इस बात का लोगों को यहां आकर ही पता चलता है। टेस्ट पार्क में होने वाली लूट के बारे में पीड़ित लोगों ने सूचित किया तो दैनिक जागरण टीम ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया।
टेस्ट पार्क में 2004 मॉडल हरियाणा नंबर की मारुति कार एक आदमी ने खड़ी कर रखी है। पार्क में बिना गाड़ी टेस्ट देने आने वाले लोगों से वह आदमी एक चक्कर के डेढ़ सौ रुपये ले रहा था, जबकि एक चक्कर सिर्फ 400 मीटर का है, जिसके लिए तीन मिनट लगते हैं। ऐसे में 400 मीटर के आम लोगों से डेढ़ रुपये वसूल किए जा रहे हैं। इस दौरान ड्राइ¨वग लाइसेंस बनवाने के लिए पार्क में दो दोस्त आए। उनके पास एक गाड़ी थी। एक ने तो अपनी गाड़ी से चक्कर लगा लिया, लेकिन जब उनके दोस्त ने गाड़ी लेकर चक्कर लगाना चाहा तो वहां स्थित मारुति कार के मालिक ने कहा कि एक गाड़ी से एक ही आदमी टेस्ट दे सकता है। ऐसा कर उसने उनकी कार पार्क से बाहर करा दी। एक दिन में करीब 25 लोग किराये की गाड़ी का इस्तेमाल करते हैं। हर एक से 150 रुपये वसूल किए जाते हैं। ऐसे में करीब चार हजार रुपये प्रति दिन लोगों से वसूल किए जाते हैं। इस टेस्ट पार्क में इस्तेमाल की जाने वाली मारुति कार का न तो बीमा ही है और न ही इसके मालिक के पास कार की आरसी ही है। ऐसे में जिस कार को चलाया ही नहीं जा सकता, उससे ही लोगों का ड्राइ¨वग टेस्ट लिया जा रहा है। पार्क में तैनात परिवहन विभाग के कर्मचारी नवनीत ¨सह को मौके पर बुलाया तो उन्होंने कागजात चेक किए। कार मालिक आरसी नहीं दिखा पाया। जब उनसे 150 रुपये प्रति चक्कर की वसूली की बात की तो उसने कहा कि यह प्राइवेट वाहन है। इसका उनके साथ कोई लेना देना नहीं है। कर्मचारी ने कार मालिक को डेढ़ सौ की बजाए 100 रुपये वसूल करने की नसीहत दी।
प्राइवेट व्हीकल की आज्ञा नहीं : डीटीओ
इस संबंधी जब डीटीओ मनकमल ¨सह से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि टेस्ट पार्क के अंदर किसी भी प्राइवेट वाहन को लेकर जाने की आज्ञा नहीं है। पार्क के अंदर सिर्फ वह ही वाहन दाखिल हो सकता है जिसके मालिक ने टेस्ट देना हो। जब मैं आया था तब भी ऐसे ही एक कंडम हालत में गाड़ी का इस्तेमाल किया जा रहा था तो मैंने उसको तुरंत हटा दिया और लिखत पत्र जारी किया कि अगर यह गाड़ी दोबारा पार्क में दिखी तो मामला दर्ज किया जाएगा। इसको मैं कल ही बंद कराता हूं।