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सरकार से फंड आने की उम्मीद कम, मेयर की ¨चता बढ़ी

नगर निगम इन दिनों अजीब स्थिति में हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Aug 2018 08:21 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 08:21 PM (IST)
सरकार से फंड आने की उम्मीद कम, मेयर की ¨चता बढ़ी
सरकार से फंड आने की उम्मीद कम, मेयर की ¨चता बढ़ी

सुभाष चंद्र, ब¨ठडा : नगर निगम इन दिनों अजीब स्थिति में हैं। इसे निगम का संकट भी कहा जा सकता है। नगर निगम पर सत्तासीन अकाली-भाजपा गठबंधन के मेयर बलंवत राय नाथ की राज्य सरकार से विकास कार्यों के लिए फंड आने की उम्मीदों पर उस समय पानी फिर गया जब बीते शनिवार को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने विभिन्न कार्यों के टेंडर जारी कर दिए। हालांकि चर्चा पिछले कई माह से ही चल रही थी कि राज्य सरकार ने शहर के विकास कार्यों के लिए 16 करोड़ रुपये की राशि डीसी के माध्यम से निगम की बजाय इंप्रूवमेंट ट्रस्ट को जारी कर दी है। लेकिन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की ओर से टेंडर जारी कर दिए जाने के बाद इस चर्चा पर मुहर लग गई। बेशक यह राशि हासिल करने के लिए नगर निगम के मेयर बलवंत राय नाथ ने कोई कसर नहीं छोड़ी। जहां राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर ¨सह, वित्तमंत्री मनप्रीत ¨सह बादल तथा स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत ¨सह सिद्धू को पत्र लिखे, वहीं अकाली-भाजपा पार्षदों के अलावा शिअद के वरिष्ठ नेता व क्षेत्र के पूर्व विधायक सरूप चंद ¨सगला को साथ लेकर शहर में कटोरे पकड़कर भीख मांगने से लेकर अपने कार्यालय के समक्ष धरने भी दिए। लेकिन इन सब कोशिशों के बावजूद राज्य सरकार पर कोई असर नहीं हुआ।

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मेयर के धरने के बाद ट्रस्ट ने लगाए टेंडर

करीब आठ दिन पहले धरना देने का असर इतना जरूर हो गया है कि लोगों की किरकिरी व बदनामी से बचने के लिए राज्य सरकार ने इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के माध्यम से विकास कार्यों के टेंडर जारी करवा दिए हैं। ट्रस्ट की ओर से टेंडर जारी किए जाने को भी मेयर बलवंत राय नाथ अपनी प्राप्ति ही मानते हैं। उनका मानना है कि यह उनके धरने का ही असर है। लेकिन राज्य सरकार से फंड आने की उम्मीद में जो करीब पांच करोड़ रुपये के विकास कार्यों के वर्क आर्डर जारी किए जा चुके हैं, उसे लेकर ¨चता बढ़ गई है। निगम के वित्तीय हालात फिलहाल ऐसे हैं कि अपने निगम कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त राशि मौजूद नहीं है। नगर निगम की साढ़े पांच करोड़ रुपये की राशि प्रत्येक माह अपने कर्मचारियों को वेतन देने पर खर्च होती है। अब वेतन जारी करने में मात्र दो दिन बचे हैं और फिलहाल निगम के पास साढ़े चार करोड़ रुपये की राशि मौजूद है। हालांकि दो दिन में एक करोड़ रुपये की और राशि आ जाएगी, लेकिन यह पूरी की पूरी वेतन पर ही चली जाएगी।

बिलों व टैक्सों के 22 करोड़ रुपये बकाया

यूं तो नगर निगम ने हाउस टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स तथा सीवरेज-पानी की 22 करोड़ रुपये से अधिक राशि लोगों की ओर बकाया खड़ी है। लेकिन स्टाफ की भारी कमी के चलते इनकी वसूली नहीं हो पा रही है। इस समय नगर निगम ने सीवरेज एवं पानी के 14 करोड़ रुपये लोगों से लेने हैं, जबकि आठ करोड़ रुपये हाउस टैक्स व प्रॉपर्टी टैक्स के लोगों की ओर खड़े हैं। हाउस व प्रॉपर्टी टैक्स शाखा में आठ जोनों के हिसाब से आठ इंस्पेक्टरों, आठ क्लर्कों तथा इतने ही सेवादारों की जरूरत है। लेकिन शाखा के पास केवल पांच इंस्पेक्टर, एक क्लर्क और दो सेवादार हैं।

फंड आने की उम्मीद में

जारी किए वर्क आर्डर

मेयर बलवंत राय नाथ ने पिछले समय के दौरान राज्य सरकार को लिखे गए पत्र दिखाते हुए बताया कि आखिरी पत्र बीती आठ अगस्त को मुख्यमंत्री को लिखा गया था। लेकिन कोई असर नहीं हुआ। जबकि सरकार से फंड आने की उम्मीद में ही उन्होंने पिछले समय के दौरान पांच करोड़ रुपये के विकास कार्यों के वर्क आर्डर जारी किए हैं। स्टाफ की कमी के चलते बिलों व टैक्सों की उतनी रिकवरी नहीं हो पा रही। निगम अपने कर्मियों को वेतन ही बड़ी मुश्किल से दे पा रहा है। वेतन की राशि के अलावा और जितनी राशि इकट्ठा होती है, वह लोन की किश्त चुकता करने में चली जाती है।


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