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    कमल कौर भाभी हत्याकांड: अमृतपाल सिंह को कोर्ट ने किया भगोड़ा घोषित, UAE में छिपा बैठा मुख्य आरोपी

    Updated: Sun, 07 Dec 2025 10:52 AM (IST)

    बठिंडा अदालत ने कंचन कुमारी हत्याकांड के मुख्य आरोपी अमृतपाल मैहरों और उसके सहयोगी रंजीत सिंह को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अमृतपाल ...और पढ़ें

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    अमृतपाल मैहरों और रणजीत सिंह को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू (फाइल फोटो)

    साहिल गर्ग, बठिंडा। डिजिटल कंटेंट क्रिएटर कंचन कुमारी उर्फ कमल कौर भाभी की हत्या के मामले में फरार चल रहे सिख हार्डलाइनर अमृतपाल सिंह मैहरों और उसके सहयोगी रंजीत सिंह को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया बठिंडा की जिला अदालत ने शुरू कर दी है।

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    अमृतपाल सिंह के संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में छिपे होने की आशंका है। इस संबंध में पुलिस ने अदालत को बताया कि दोनों आरोपित लगातार गिरफ्तारी से बच रहे हैं।

    जबकि 1 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने स्पष्ट किया कि आरोपितों के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट तामील नहीं हो पाए हैं।

    अदालत ने अपने आदेश में कहा कि आरोपित जान-बूझकर गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हैं और उन्हें सामान्य प्रक्रिया के जरिए अदालत में पेश नहीं किया जा सकता।

    ऐसे में उनके खिलाफ उद्घोषणा जारी करना आवश्यक है। इस मामले की आगामी सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। गौरतलब है कि 27 नवंबर को मृतका की मां गिरजा देवी ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजीव कालड़ा की अदालत में अपना बयान दर्ज कराया था।

    पुलिस अधिकारियों के अनुसार, मां के बयान से मामले को कानूनी मजबूती मिली है। इसके अतिरिक्त एक अन्य गवाह नरेश कुमार ने भी अदालत में अपना बयान दर्ज कराया है।

    एसएसपी अमनीत कोंडल ने बताया कि राज्य सरकार केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर अमृतपाल सिंह को यूएई से भारत लाने की दिशा में काम कर रही है।

    इसके लिए इंटरपोल की मदद ली जा रही है। सूत्रों के अनुसार, आरोपितों को भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद इंटरपोल से रेड कार्नर नोटिस जारी कराने की प्रक्रिया और मजबूत होगी।

    पुलिस के मुताबिक, कंचन कुमारी की हत्या 9-10 जून की रात को की गई थी। आरोप है कि अमृतपाल सिंह मैहरो ने अपने दो निहंग साथियों जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह के साथ मिलकर कंचन की गला घोंटकर हत्या की। बाद में उनका शव भुच्चो स्थित आदेश मेडिकल कालेज एवं अस्पताल की पार्किंग में फेंक दिया गया।

    शव 11 जून की शाम को बरामद हुआ था। पुलिस ने इस हत्या को अनधिकृत मोरल पुलिसिंग करार दिया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि कंचन की कुछ विवादास्पद इंटरनेट मीडिया पोस्ट, जिनसे कथित तौर पर सिख समुदाय की भावनाएं आहत हुई थीं, हत्या की वजह बनीं।

    वारदात के बाद अमृतपाल सिंह पहले अमृतसर पहुंचा और 10 जून की सुबह अंतरराष्ट्रीय उड़ान के जरिए दुबई फरार हो गया। आरोप है कि रंजीत सिंह ने उसे बठिंडा से अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचाने में मदद की।

    इस मामले में जसप्रीत सिंह और निमरतजीत सिंह को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अमृतपाल सिंह मैहरोन और रणजीत सिंह अब भी फरार हैं। पुलिस का कहना है कि मामले में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही उन्हें कानून के कटघरे में लाया जाएगा।