चार माह में हुए 3258 डोप टेस्ट, 163 निकले पॉजिटिव
राज्य सरकार की ओर से बेशक नशे पर रोक लगाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन असलहा लाइसेंस बनाने वालों के डोप टेस्ट से पता चलता है कि प्रदेश के लोग कितने नशे के आदी है।
जागरण संवाददाता, ब¨ठडा :
राज्य सरकार की ओर से बेशक नशे पर रोक लगाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन असलहा लाइसेंस बनाने वालों के डोप टेस्ट से पता चलता है कि प्रदेश के लोग कितने नशे के आदी है। असलहा लाइसेंस बनवाने वाले लोगों के हो रहे डोप टेस्ट में बड़ी संख्या में लोगों के टेस्ट पॉजिटिव आ रहे हैं। ब¨ठडा जिले में अब तक कुल 3258 असलहा लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों के डोप टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 163 लोगों के डोप टेस्ट पॉजिटिव पाए गए हैं। यह डोप टेस्ट बीते चार महीनों के दौरान किए गए हैं। अगस्त के पहले दस दिन में कुल 95 लोगों के डोप टेस्ट किए गए हैं। इनमें 13 लोगों को टेस्ट पॉजिटिव निकले हैं। इससे स्पष्ट है कि 14 फीसद लोग नशे के आदी हैं।
गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से नए असलहा लाइसेंस बनाने तथा रिन्यू कराने वालों का डोप टेस्ट जरूरी किया हुआ है। यही कारण है कि डोप टेस्ट कराने वालों की जिला सिविल अस्पताल में दोनों दिन भीड़ लगी रहती है। इस टेस्ट में अफीम, पोस्त के अलावा पाबंदीशुदा आठ मेडिकल दवाओं के सेवन को चेक किया जाता है। टेस्ट में पता चलता है कि डोप टेस्ट कराने वाला व्यक्ति उक्त नशों का आदी है या नहीं। डॉक्टरों के अनुसार अब तक किए टेस्टों में लोगों की ओर से अफीम, भुक्की और विभिन्न नशीली गोलियों के सेवन का पता चल रहा है। अस्पताल में दो दिन शुक्रवार और सोमवार को यह टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट की फीस एक हजार रुपये रखी गई है।
अब होने लगी लोगों की तलाशी
डोप टेस्ट करवाने वाले कई लोगों द्वारा किसी और व्यक्ति का यूरिन का सेंपल घर से छुपाकर लाने के मामले सामने आने के बाद अब अस्पताल में डॉक्टरों की ओर से संबंधित व्यक्ति की पूरी तलाशी ली जाने लगी है। डॉक्टरों के अनुसार इन मामलों का पता बाथरूम में सेंपल वाली खाली शीशियों के मिलने से लगा है। खाली शीशियां मिलने के बाद बीते शुक्रवार को जब कुछ लोग टेस्ट करवाने के लिए आए लोगों की फार्मासिस्ट रेशम ¨सह ने तलाशी लेनी शुरू की तो तीन लोग वहां से फरार हो गए। सूत्रों के अनुसार अब तक अनेक लोग किसी और व्यक्ति के यूरिन के टेस्ट करवा चुके हैं। फ्री होना चाहिए डोप टेस्ट
समाजसेवी भोला ¨सह मान का कहना है कि डोप टेस्ट होना तो चाहिए, लेकिन यह फ्री होना चाहिए। सरकार को इसे अपने खर्च पर करना चाहिए। राज्य सरकार ने यह लोगों पर फालतू आर्थिक बोझ डाल दिया है। इसके अलावा डोप टेस्ट दो दिन की बजाए हर रोज होना चाहिए।