पति ने पूछा- मायके में इतने दिन क्यों लगाए, पत्नी ने खीर में जहर मिलाकर मार डाला
पति ने महिला को मायके में ज्यादा दिन गुजरने का कारण पूछा तो पत्नी ने खीर में जहर डाल की पति की हत्या डाली। खीर उसने सास-ससुर को भी खिलाई लेकिन वह बच गए।
जेएनएन, बठिंडा। मायके में ज्यादा दिन रहने की मामूली बात पूछना एक परिवार को इतना महंगा पड़ गया कि गुस्से में आई बहू ने पूरे परिवार को मौत के घाट उतरने के लिए खीर में जहर डाल दिया और उन्हें खिला दी। जहरीली खीर खाने से पति समेत सास-ससुर की हालत गंभीर हो गई, जिन्हें उपचार के लिए निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां पर इलाज के दौरान पति की मौत हो गई, जबकि सास-ससुर बच गए।
हत्या का शक उस पर न जाए इसके लिए चालक पत्नी ने भी खुद बीमार होने का ड्रामा रचा और अपनी बेटी के साथ अस्पताल में दाखिल रही, ताकि ऐसा प्रतीत हो कि यह एक हादसा था, जिसमें उसके पति की मौत हो गई, जबकि उनका पूरा परिवार बच गया। इस साजिश का खुलासा तब हुआ, जब पीड़ित ससुर ने मामले की जांच की और पता चला कि उनकी ही बहू ने उसके बेटे समेत उसे व उसकी पत्नी को जान से मारने के लिए खीर में जहर मिलाया था। थाना रामा पुलिस ने मृतक युवक के पिता के बयानों पर आरोपित बहू के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है।
दो दिन बाद होश आया तो पता चला बेटे की हो चुकी है मौत
रामा पुलिस को दिए बयानों में गांव तरखानवाला के रहने वाले पचास वर्षीय बलजीत सिंह ने बताया कि वह खेतीबाड़ी का काम करता है। उसका एक बेटा लखविंदर सिंह (27) था, जिसकी करीब पांच साल पहले शादी गांव कमालू की रहने वाली सुखजिंदर कौर के साथ हुई थी। उसकी एक पांच साल की पोती अमरीन कौर भी है। बीती 27 मई की रात को खाने के लिए पूरे परिवार के लिए खीर बनाई थी, जो कि उसके अलावा उसकी पत्नी गुरमीत कौर व उसके बेटे लखविंदर सिंह ने खाई थी। खीर खाने के पंद्रह मिनट बाद ही तीनों की अचानक तबियत बिगड़ने लगी और उन्हें उल्टियां आने लगी। इसके बाद उन्होंने गांव के डॉक्टर को बुलाकर दवा ले ली, लेकिन कोई आराम नहीं आने पर उसके चचेरे भाई निर्मल सिंह ने व्हीकल का प्रबंध कर पूरे परिवार को रामा मंडी स्थित पूजा नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती करवा दिया।
डॉक्टर ने बहू सुखजिंदर कौर व पोती अमरीन कौर को दाखिल कर लिया, जबकि बाकी तीनों की गंभीर हालत को देखते हुए तलवंडी साबो के जिंदल अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां पर डॉक्टर जिंदल ने उसे व उसकी पत्नी गुरमीत कौर को दाखिल कर इलाज शुरू कर दिया, जबकि उसके बेटे की हालत काफी गंभीर हाेने पर उसे बठिंडा के मैक्स अस्पताल में रेफर कर दिया, जहां पर उसके बेटे की इलाज के दौरान मौत हो गई। दो दिनों तक बेहोश होने के कारण उसे अपने बेटे की मौत का पता 30 मई को तब चला जब उसका अंतिम संस्कार करने के लिए डॉक्टर ने उसे अस्पताल में छुट्टी दी।
पोती ने बोला था खीर में कस्टड है, इसलिए उसे खाने से किया है मना
शिकायतकर्ता बलजीत सिंह ने बताया कि जब वह अस्पताल से घर वापस आए और उन्होंने अपने स्तर पर मामले की जांच की तो पता चला कि बीती 27 मई की शाम को आठ बजे जो खीर खाई थी उसमें उनकी बहू सुखजिंदर कौर ने तीनों को जान से मारने के लिए कोई जहरीली दवा मिला रखी थी। चूंकि उसकी पांच साल की पोती हर रोज उसके साथ खाना खाती थी, लेकिन उस दिन पोती ने खीर खाने से इन्कार कर दिया था। उसने बोला कि उसकी मम्मी ने बोला है कि खीर में कस्टड डाला हुआ है, इसलिए खीर नहीं खानी है और उस दिन उसकी पोती ने खीर नहीं खाई।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले उसकी बहू सुखजिंदर कौर पांच दिनों के लिए अपने मायके गांव कमालू गई थी, लेकिन वह 10 दिन लगाकर वापस आई थी। जब उन्होंने बहू को इतना दिन रहने का कारण पूछा, तो वह उनके साथ रंजिश रखने लगी थी। उसी बात की रंजिश को लेकर उनकी बहू ने खीर में जहर डालकर उसके पूरे परिवार को मारने की कोशिश की। वहीं एक सोची समझी साजिश के तहत उसके बेटे की हत्या कर दी।
पूछताछ बाद ही होगा सही खुलासा
मामले के जांच अधिकारी एसआई हरनेक सिंह का कहना है कि पुलिस ने मृतक के पिता के बयानों पर आरोपित पत्नी पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है, जिसकी गिरफ्तारी होनी बाकी है। उसने खीर में जहर किस रंजिश के चलते डाला है, इसका पता पूछताछ करने के बाद ही चल सकेगा। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
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