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एक हजार वर्ष पुराना है हिदी भाषा का इतिहास: प्रो. बेदी

कुलपति आचार्य राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में हिदी पखवाड़ा 2021 का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 10:13 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 10:13 PM (IST)
एक हजार वर्ष पुराना है हिदी भाषा का इतिहास: प्रो. बेदी
एक हजार वर्ष पुराना है हिदी भाषा का इतिहास: प्रो. बेदी

जागरण संवाददाता बठिडा: हिदी दिवस पर पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय बठिडा (सीयूपीबी) में राजभाषा कार्यान्वयन समिति एवं हिदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान और कुलपति आचार्य राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण में हिदी पखवाड़ा 2021 का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश केन्द्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलाधिपति प्रो. डा. हरमहेंद्र सिंह बेदी मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए।

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प्रो. बेदी ने कहा कि विश्व का प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथ ऋग्वेद पंजाब की पवित्र भूमि पर लिखा गया। हिदी भाषा का एक हजार वर्षों से अधिक का इतिहास है और हिदी भाषा के पहले महाकाव्य पृथ्वीराज रासो की रचना करने वाले प्रथम हिदी कवि चंदबरदाई लाहौर से संबंधित थे। उन्होंने प्रो.हजारी प्रसाद द्विवेदी की पुस्तक नाथ संप्रदाय का संदर्भ देते हुए कहा कि नाथ संप्रदाय के अधिकांश कवियों का संबंध पंजाब की भूमि से रहा है। उन्होंने पंजाब के समाज सुधारकों, स्वतंत्रता सेनानियों और लेखकों द्वारा हिदी भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए दिए योगदान पर भी चर्चा की।

कार्यक्रम के अंतर्गत कुलपति प्रो.राघवेंद्र प्रसाद तिवारी ने प्रो.हरमहेंद्र सिंह बेदी द्वारा लिखित और प्रो.रामसजन पाण्डेय द्वारा संपादित हरमहेंद्र सिंह बेदी रचनावली शीर्षक की पंच-खंड पुस्तक का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि हिदी भाषा भारत के विभिन्न राज्यों के लोगों को जोड़ने के लिए एक संपर्क भाषा के रूप में कार्य करती है। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत में प्रो.हरपाल सिंह पन्नू ने औपचारिक अभिनंदन किया। वहीं अंत में कुलसचिव कंवल पाल सिंह मुंदरा ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। कार्यक्रम का संचालन सीयूपीबी हिदी विभाग के शिक्षकों विभागाध्यक्ष डा. राजिदर सेन, डा. कुलभूषण शर्मा और डा. दीपक कुमार पाण्डेय द्वारा किया गया।


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