सेहत कर्मियों ने बैरिकेड तोड़ घेरा वित्तमंत्री का दफ्तर, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
सेहत कर्मियों को पक्का करने की मांग को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है।
जासं, बठिडा : पिछले 12 सालों से ठेके पर काम कर रहे सेहत कर्मियों को पक्का करने की मांग को लेकर पिछले लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। इसके तहत पहले जिला स्तर पर भूख हड़ताल शुरू की गई थी। इसके बाद सीएम के शहर पटियाला में रोष मार्च किया गया था। दो बार सेहत मंत्री से बैठक होने के बावजूद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं करने से खफा प्रदेश भर के अस्थायी कर्मियों ने वीरवार को बठिडा में राज्य स्तरीय प्रदर्शन किया गया। इसके तहत प्रदेश भर से पहुंचे अस्थायी सेहत कर्मी पहले मिनी सचिवालय के पास बने डॉ. भीम राव आंबेडकर पार्क में एकत्र हुए और दोपहर डेढ़ बजे के बाद शहर में रोष मार्च करते हुए स्टेडियम के पास स्थित वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के दफ्तर का घेराव करने के लिए पहुंचे। हालांकि, पुलिस ने पीरखाना के पास ही बड़े-बड़े बैरिकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया था, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की तरफ से लगाएं गए बैरिकेड को तोड़ते हुए पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की। पुलिस ने सेहत कर्मियों को रोकने के लिए हल्का लाठीचार्ज भी किया, लेकिन पुलिस प्रदर्शनकारियों को रोकने में नाकाम रही। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने वित्तमंत्री बादल के दफ्तर का घेराव करते हुए नारेबाजी की।
संघर्ष कमेटी के संयोजक कुलबीर सिंह मोगा व निदर कौर मुक्तसर ने कहा कि वह सरकार से अस्थायी कर्मचारियों को पक्का करने, कोविड के दौरान ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को विशेष इंक्रीमेंट देने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। इन मांगों की तरफ राज्य के सेहत मंत्री कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं बल्कि उनकी मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है। इस बाबत उनकी सेहत अधिकारियों से कई बार बैठक भी हो चुकी है व सभी मांगों को सरकार के पास रखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कोरोना काल में पहले मेडिकल के स्टूडेंट्स की फीस में 70 फीसदी बढ़ोतरी कर दी वही अब पैरामेडिकल छात्रों की फीसों में 40 फीसदी बढ़ा दिए है। इससे सरकार का लोक विरोधी चेहरा सामने आ रहा है। इस महामारी के दौर में जहां सरकारे लोगों की सहायता कर उन्हें आर्थिक सहयोग देती है वही पंजाब सरकार इस दौर में भी दोंनों हाथों से लोगों को लूटने में लगी है। इस दौरान समूह कर्मचारियों ने 25 सितंबर को किसान संगठनों की तरफ से बुलाए गए पंजाब बंद में पूरा सहयोग करने की घोषणा की। इस दौरान प्रमुख तौर पर गगनदीप सिंह बठिडा, गुलजार खां संगरूर, गुरमीत कौर फरीदकोट, सुखविदर सिंह मुक्तसर, टहल सिंह फाजिल्का, केवल सिंह मानसा, गुरप्रीत सिंह ने भी संबोधित किया।