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सेहत विभाग ने ब्लड बैंक में सुरक्षा गार्ड व वार्ड अटेंडेट की तैनाती

सविल अस्पताल के ब्लड बैंक से एक महिला और चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी पाजिटिव डोनरों का बिना जांच खून चढ़ाने का राजफाश होने पर अस्पताल ने डोनरों की पहचान करने के लिए सैंपलिंग का काम शुरू किया है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 30 Nov 2020 07:05 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2020 07:05 PM (IST)
सेहत विभाग ने ब्लड बैंक में सुरक्षा गार्ड व वार्ड अटेंडेट की तैनाती
सेहत विभाग ने ब्लड बैंक में सुरक्षा गार्ड व वार्ड अटेंडेट की तैनाती

जासं,बठिडा : सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक से एक महिला और चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी पाजिटिव डोनरों का बिना जांच खून चढ़ाने का राजफाश होने पर अस्पताल ने डोनरों की पहचान करने के लिए सैंपलिंग का काम शुरू किया है। लाकडाउन के दौरान ब्लड बैंक व कैंपों में ब्लड डोनेट करने वाले सभी रक्तदानियों को इसमें शामिल किया गया है। अब तब 15 डोनरों को बुलाकर ब्लड टेस्ट किए जा चुके है, लेकिन उनकी रिपोर्ट का राजफाश सेहत विभाग ने नहीं किया है। अस्पताल प्रशासन उक्त डोनरों की जांच रिपोर्ट पाजिटिव व नेगेटिव व डोनर के संक्रमित आने पर एआरटी सेंटर में इलाज शुरू करवाने संबंधी कुछ भी बताने से इंकार कर रहा है। वहीं ब्लड बैंक में बाहरी लोगों के हस्तक्षेप व जानबूझकर ब्लड बैंक कर्मियों को बदनाम करने के लिए साजिश करने की संभावना के बीच सेहत विभाग ने सुरक्षा के लिए एक सुरक्षा गार्ड के अलावा वार्ड अटेंडेट की तैनाती भी कर दी है। उक्त मामले में 8 से 12 साल के मध्य बच्चों को एचआइवी संक्रमित खून चढ़ाया गया था, जिसकी ब्लड बैंक में जांच नहीं हुई थी। बठिडा ब्लड बैंक में थैलेसीमिया की बीमारी से पीड़ित चार बच्चों के एचआइवी संक्रमित होने पर तहलका मच गया था । वहीं लगातार ब्लड बैंक में इस तरह की घटनाएं घटित होने को संयोग नहीं माना जा सकता। इसमें बाल अधिकार आयोग की सख्त टिप्पणी व मामले में बड़ी लापरवाही के साथ किसी घपले की आशंका के तहत जांच करवाने की हिदायत ने सेहत विभाग की किरकरी की है। इसमें आला अधिकारियों की कारगुजारी पर भी सामाजिक व राजनीतिक संगठनों की तरफ से सवाल उठाकर जांच की मांग कर आरोपितों पर आपराधिक मामले दर्ज करने की मांग लगातार की जा रही है।

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वहीं आयोग की तरफ से आला अधिकारियों की तरफ से ब्लड़ बैंक में लापरवाही के मद्देनजर अपने स्तर पर गहराई से जांच नहीं करने की बात के बाद गत दिवस सिविल सर्जन डा. अमरीक सिंह संधू ने ब्लड बैंक का दौरा किया। इस दौरान काफी देर तक रिकार्ड जांचा। इस संबंध में हेल्थ सेक्रेटरी हुस्न लाल द्वारा सिविल सर्जन व डीएमसी को समय-समय पर ब्लड बैंक का निरीक्षण करने के आदेश जारी किए थे। सिविल सर्जन बठिडा डा. अमरीक सिंह संधू ने ब्लड बैंक का निरीक्षण किया और ब्लड बैंक का पूरा रिकार्ड, ब्लड स्टाक समेत अन्य संसाधनों की चेकिग की थी। जब से ब्लड बैंक की ओेर से थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी पाजिटिव डोनर का खून चढ़ने के बाद ब्लड बैंक विवाद में आया है। उसके बाद से ब्लड बैंक में खून की कमी हो गई है। ब्लड डोनर और खूनदानी संस्थाएं खूनदान करने के लिए आगे नहीं आ रही हैं। खून की कमी के चलते आए दिन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समय ब्लड बैंक में 68 यूनिट ब्लड है। जिसमें इमरजेंसी के लिए एबी पाजिटिव का एक ही यूनिट बचा है जब कि प्रत्येक ग्रुप के इमरजेंसी के लिए कम से कम 15 यूनिट होने चाहिए। इससे पहले प्रतिदिन 25-30 यूनिट खून ब्लड बैंक से जारी होता था जो इन दिनों प्रतिदिन 4-5 यूनिट खून जारी हो रहा है।


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