सीएम से पीएम बनते ही पता नहीं मोदी को क्या हो गया : हरसिमरत
सीएम से पीएम बनते-बनते पता नहीं नरेंद्र मोदी को क्या हो गया।
जासं, बठिडा : सीएम से पीएम बनते-बनते पता नहीं नरेंद्र मोदी को क्या हो गया। 2011 में जब वह सीएम थे तो वह एमएसपी को लागू कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे। शिअद के अलावा अन्य 16 संगठन भी एमएसपी की बात कर रहे हैं। लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी नहीं मान रहे। यह शब्द पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहे। वह मंगलवार को बठिडा जिले के गांव गिलपत्ती में वर्करों के साथ बैठक कर रही थी।
हरसिमरत ने कहा कि कृषि बिल का उन्होंने विरोध किया। लेकिन मंत्रिमंडल ने उनकी आवाज दबा दी। इस कारण विरोध के बावजूद बिल पास कर दिया गया। इसके विरोध में उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया और सुखबीर सिंह बादल ने एनडीए से नाता तोड़ लिया। हरसिमरत ने कहा कि यह बिल किसानों के लिए नहीं बल्कि पूंजीपतियों के लिए है। जब बिल उनके पास फाइल भेजी गई तो उन्होंने कहा कि इंडस्ट्री के लिए तो यह ठीक है लेकिन किसानों के विरोधी है। इसको पारित करने से पहले किसानों से चर्चा करनी बनती है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कैप्टन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार अब विरोध का ड्रामा कर रही है। 2017 के कांग्रेस के मैनिफेस्टो में इन बिलों को लाने का जिक्र किया हुआ है। कैप्टन अमरिदर सिंह पहले सोये रहे लेकिन अब विधानसभा में इस बिल के खिलाफ मत पारित कर रहे हैं। लेकिन हैरानी की बात है कि मत पारित करने के इतने दिन बाद भी इसको संसद में नहीं भेजा गया। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार तो खुद अपनी सरकार बनते ही 12 अगस्त को मंडियों को प्राइवेट करने व ई-ट्रेडिग के एक्ट को लागू कर चुकी है। उन्होंने अकाली वर्करों व किसानों को एक अक्टूबर को मोहाली में एकत्र होकर राज्यपाल को मांगपत्र देने का आहवान किया। इस मौके पर पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका,पूर्व मंत्री जनमेजा सिंह सेखों, पूर्व सीपीएस सरूप चंद सिगला व पूर्व विधायक दर्शन सिंह कोटफत्ता, गिरदौर सिंह आदि मौजूद थे।