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गुरु आनंद, सुरेंद्र जन्मोत्सव पर उनके जीवन के बारे में बताया

डा. राजेंद्र मुनि ने आनंद गुरु को चलता फिरता तीर्थ रूप बताकर उनके जीवन में शिक्षा सेवा साधना संगठन स्वाध्याय परोपकार विनय विद्या आदि गुणों का वर्णन किया

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 05:53 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 05:53 PM (IST)
गुरु आनंद, सुरेंद्र जन्मोत्सव पर उनके जीवन के बारे में बताया
गुरु आनंद, सुरेंद्र जन्मोत्सव पर उनके जीवन के बारे में बताया

संस, बठिडा : जैन सभा के प्रवचन हाल में डा. राजेंद्र मुनि ने आनंद गुरु को चलता फिरता तीर्थ रूप बताकर उनके जीवन में शिक्षा सेवा साधना संगठन स्वाध्याय परोपकार विनय विद्या आदि गुणों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी महाराज विशाल श्रमण संघ के आचार्य पद पर विराजमान होकर भी तनिक मात्र भी अहंकार नहीं आया। आप स्वाध्याय साधना व शिक्षा प्रेमी थे। आपकी पावन प्रेरणा से भारत भर में अनेक स्कूल कालेज गोशाला जैन विद्यापीठ छात्रावास व स्थानक भवनों का निर्माण हुआ जो वर्तमान में अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। आपकी जन्म दीक्षा व देवलोक भूमि महाराष्ट्र की होने से वहां के समस्त समाज के दिल में आपके प्रति अपार श्रद्धा प्रेम भाव रहा। देश विदेश में लाखों की संख्या में आपके अनुयायी आज भी धर्म आराधना व दान पुण्य में अपनी सेवायें दे रहे हैं। अहमद नगर महाराष्ट्र में आपकी पुण्य स्मृति में आनंद अस्पताल का भव्य निर्माण किया गया, करीब 40 करोड़ बने इस अस्पताल में चिकित्सकों द्वारा अल्प मूल्य में हार्ट आदि के आपरेशन कराए जाते हैं। आपने जीवन भर मानव सेवा के लिए सभी को प्रेरणा दी।

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सभा में विराजमान साहित्यकार सुरेन्द्र मुनि जी के जन्म दिवस पर भी समाज द्वारा सामूहिक पा‌र्श्व नाथ भगवान का जाप वंदना व शुभकामनाएं समर्पित की गई। इस अवसर पर श्री गंगानगर, रामामंडी, सर्दुलगढ़, कलांवली, जगरांवा, दिल्ली व लुधियाना इत्यादि से आये भक्तों का स्वागत किया गया। ज्ञान चंद जैन सरदूलगढ़ के सौजन्य से ड्रा प्रभावना के रूप चांदी के सिक्के व गुप्त सज्जनों द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। इस दौरान प्रधान महेश जैन, प्रमोद जैन, महिला मंडल, महावीर जैन नवयुवक मंडल व युवती मंडल आदि का महामंत्री उमेश जैन ने आभार व्यक्त किया एवं विभिन्न भक्तों द्वारा अभिनंदन गीत प्रस्तुत किये गए। चातुर्मास काल में प्रतिदिन सामूहिक नवकार मंत्र का जाप, तप की आराधना, प्रवचन, सामायिक, बाल संस्कार शिविर आदि का कार्यक्रम गतिशील है। दर्शनार्थी भाई व बहनों के लिए आवास निवास की जैन समाज बठिडा द्वारा सुंदर व्यवस्था की गई है।


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