विदेशी मेहमानों के लिए सरकारी क्वारंटाइन के भी खुले दरवाजे
बठिंडा विदेश से लौटने वाले एनआरआइ को बड़ी राहत देते हुए जिला प्रशासन ने सरकारी क्वारंटाइन सेंटर के दरवाजे भी खोल दिए।
जासं, बठिंडा : विदेश से लौटने वाले एनआरआइ को बड़ी राहत देते हुए जिला प्रशासन ने सरकारी क्वारंटाइन सेंटर के दरवाजे भी खोल दिए। प्रशासन ने बयान जारी कर स्पष्ट किया कि अगर कोई विदेश से लौटा व्यक्ति सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में रहना चाहता है तो वहां प्रशासन उसे मुफ्त रखेगा। सरकार द्वारा ही उसे मुफ्त में खाना खिलाया जाएगा। कोई अपनी मर्जी से होटल में रहना चाहता है तो वह होटल में रह सकता है।
डीसी बठिंडा की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक विदेश से आने वाले लोग किस होटल में रहना चाहते हैं, वह भी उन पर ही निर्भर करता है। होटल इंडस्ट्री से अगर कोई और भी अपने होटल के लिए सेवा देना चाहते हैं, तो वह जिला प्रशासन के साथ संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगर कोई सरकारी केंद्र आईएचएम व मेरिटोरियस स्कूल में रहना चाहते हैं तो उनको रहने व खाने के लिए मुफ्त सुविधा दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब तक जो भी एनआरआइ आए हैं, उनमें से सिर्फ तीन लोग होटल में बनाए क्वारंटाइन में रह रहे हैं, जबकि बाकी सरकारी सेंटर का ही लाभ ले रहे हैं। उधर आम आदमी पार्टी के नेता व विधायक अमन अरोड़ा ने होटलों में एनआरआइ को ठहराने के मामले की जांच मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से करवाने की मांग की। होटलों को अस्थाई अस्पतालों में बदला : होटल एसोसिएशन
होटल एसोसिएशन के प्रदेश प्रधान सतीश अरोड़ा ने कहा कि विदेश से आने वाले एनआरआइ भाइयों के लिए होटलों में विशेष व्यवस्था की गई है। होटलों को अस्थायी अस्पतालों के रूप में बदला गया। सिर्फ तीन ही मेहमान अभी तक आए हैं। अगर वे अपने होटलों के कमरों को क्वारंटाइन सेंटर बनाते हैं तो उनको एक अस्पताल का रूप देना पड़ता है। इसके अलावा मेडिकल किट ,पीपीई किट, कमरों को रोज सैनिटाइज करना पड़ता है। इससे उनका खर्चा भी काफी हो जाता है। यहीं कारण हैं कि उन्होंने होटल इंडस्ट्री के दाम थोड़ा बढ़ाए। उनकी मंशा नहीं कि विदेशी मेहमानों की लूट की लाए बल्कि होटल एसोसिएशन खुद कोरोना के इस बुरे दौर के बीच सेवा के लिए आगे बढ़ी है। कमरों को क्वारंटाइन सेंटर बनाने के बाद काफी समय तक मेहमान उनके होटलों से दूर रहेंगे, ऐसे में उनको नुकसान ही होगा।