सरकारी ब्लड बैंक का लाइसेंस बहाल
सिविल अस्पताल के सरकारी ब्लड बैंक में सेवाएं फिर से बहाल कर दी गई हैं।
जासं,बठिडा: सिविल अस्पताल के सरकारी ब्लड बैंक में एक महिला समेत चार थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को एचआइवी संक्रमित रक्त चढ़ाने के मामले में ड्रग अथारिटी की ओर से 14 दिन के लिए सस्पेंड किया गया लाइसेंस बहाल हो गया है। हालांकि, ब्लड बैंक खुलने के बाद मरीज खून की कमी से जूझ रहे हैं। मंगलवार को महज दो से तीन डोनर ही रक्तदान करने के लिए आए। इमरजेंसी में 20 यूनिट रामपुरा फूल के सरकारी ब्लड बैंक से मंगवाए गए। 14 दिन ब्लड बैंक बंद रहने से सिविल अस्पताल में भर्ती मरीजों के अलावा गर्भवती महिलाओं व थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों को रक्त लेने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी। निजी ब्लड बैंक से महंगे दामों में रक्त लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। हालांकि सिविल सर्जन ने कुछ ब्लड बैंकों के साथ अनुबंध किया था, लेकिन इमरजेंसी में ही ब्लड मिल रहा था।
इससे ड्रग इंस्पेक्टर गुनदीप बांसल ने सोमवार को सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक की सुविधा का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि रिकाड रूम और ब्लड टेस्टिग मशीन मानक संचालक प्रक्रिया के अनुरूप सही पाए गए। पंजाब ड्रग अथारिटी की आदेश पर जांच के बाद ब्लड बैंक फिर से खोल दिया गया है। हालांकि कुछ खामियां मिली हैं, जिसे सिविल अस्पताल प्रबंधन व ब्लड बैंक अधिकारियों ने आगामी सात दिन में ठीक करने का आश्वासन दिया है। सात दिन बाद फिर से चेकिंग होगी। बीटीओ डा. राजिदर शर्मा ने कहा कि लोग अब स्वैच्छिक रक्तदान के लिए सिविल अस्पताल के ब्लड बैंक में आ सकते हैं। ब्लड बैंक में सभी सुविधाओं को बहाल कर दिया गया है।
सिविल सर्जन डा. तेजवंत सिंह ढिल्लो ने बताया कि मंगलवार को सरकारी ब्लड बैंक फिर से शुरू कर दिया गया है। वहीं ड्रग अथारिटी की तरफ से अपनी जांच रिपोर्ट में जो खामियां बताई गई थीं, उन्हें भी दूर कर दिया गया है। आगामी एक या दो दिन में कैंप लगाकर ब्लड एकत्र किया जाएगा ताकि मरीजों को परेशानी न हो सके।