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Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा; आरोपित Online Data चोरी कर बनाता था फर्जी कार्ड

Ayushman Bharat Scheme के फर्जी कार्ड बनाने के आरोप में पकड़ा गया फिरोजपुर के ब्लॉक गुरुहरसहाय के गांव हडीवाला के रहने वाले छिंदर पाल सिंह से पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 01:08 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 01:08 PM (IST)
Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा; आरोपित Online Data चोरी कर बनाता था फर्जी कार्ड
Ayushman Bharat Scheme में फर्जीवाड़ा; आरोपित Online Data चोरी कर बनाता था फर्जी कार्ड

जेेेेएनएन, बठिंडा। Ayushman Bharat Scheme (सरबत सेहत बीमा योजना) के फर्जी कार्ड बनाने के आरोप में पकड़ा गया फिरोजपुर के ब्लॉक गुरुहरसहाय के गांव हडीवाला के रहने वाले छिंदर पाल सिंह से पूछताछ में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। आरोपित इंटरनेट से आयुष्मान योजना स्कीम में कवर होने वाले लोगों का डाटा चोरी कर रखा था। इसके जरिए वह स्कीम में कवर होने वाले लोगों के आधार कार्ड का नंबर लेकर उनका यूनिक हाई सिक्योरिटी नंबर चोरी करता था। फिर फिंगर प्रिंट लेकर उनके कार्ड पर उसी नाम के व्यक्ति का कार्ड बनाकर उन्हें 500-500 रुपये में बेच देता था।

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आरोपित छिंदरपाल सिंह यह काम पिछले तीन-चार माह से कर रहा था। वह कार्ड बनाने का काम अपने घर पर ही करता था। इसके लिए उसने दो लैपटॉप रखे थे। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपित बठिंडा में 100 से ज्यादा फर्जी कार्ड बना चुका है। बनाए गए कार्डों की जांच पुलिस ने शुरू कर दी है। वहीं शुक्रवार को थाना सिविल लाइन पुलिस ने आरोपित छिंदरपाल सिंह को अदालत में पेश किया, जहां से आरोपित को ज्यूडिशियल रिमांड के लिए केंद्रीय जेल बठिंडा भेज दिया गया है।

डोर टू डोर सर्विस देता था आरोपित छिंदरपाल

मैट्रिक पास आरोपित छिंदरपाल सिंह को कंप्यूटर की अच्छी जानकारी होने के कारण उसने करीब तीन माह पहले यह फर्जी कार्ड बनाने का काम शुरू किया था। बताया जा रहा है कि पहले उसने फिरोजपुर एरिया में इस स्कीम के कुछ फर्जी कार्ड बनाए थे। इसके बाद उसका संपर्क बठिंडा में ऐसे कुछ लोगों से हुआ, जोकि आयुष्मान योजना का कार्ड बनवाना चाहते थे, लेकिन वह स्कीम में कवर नहीं होते थे। ऐसे में आरोपित इनका फायदा उठाते हुए उनसे 500-500 रुपये लेकर उनके कार्ड बनाने शुरू कर दिए। इसके बाद वह डोर-टू-डोर जाकर लोगों को सर्विस देने लगा।

ऐसे बनाता था फर्जी कार्ड

पुलिस की तरफ से अब तक की गई जांच में सामने आया है कि आरोपित उन लोगों का ऑनलाइन डाटा चोरी करता था, जो कि स्कीम में कवर होते हैं और अब तक उन्होंने अपने कार्ड नहीं बनाए हुए। उनके पास आने वाले लोगों के आधार कार्ड नंबर से वह स्कीम के लाभार्थी लोगों के यूनिक हाई सिक्योरिटी नंबर चोरी कर लेता था। इसके बाद वह उसकी सिक्योरिटी नंबर की मदद से उस कार्ड के नाम के व्यक्ति के कार्ड पर किसी अन्य व्यक्ति की फोटो लगाकर उनका कार्ड बना देता था। इतना ही नहीं आरोपित छिंदरपाल सिंह दो लैपटॉप साथ में लेकर बठिंडा आता था और फर्जी कार्ड बना पैसे वसूलता था।

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