जरूरत पड़ने पर सहायता का आगे आएं युवा : पठानिया
सेहत-संभाल खूनदान और फर्स्ट एड की जानकारी देने के लिए रेडक्रॉस भवन में आठ दिवसीय शिविर लगाया गया।
जासं, बठिडा : युवाओं को सेहत-संभाल, खूनदान और फर्स्ट एड की जानकारी देने के लिए रेडक्रॉस भवन में आठ दिवसीय शिविर लगाया गया। इसमें 100 के करीब युवाओं व टीचर्स को फर्स्ट एड ट्रेनर नरेश पठानिया की ओर से फर्स्ट एड व सेहत संभाल की जानकारी दी गई।
रेडक्रॉस भवन में सचिव रेडक्रॉस दर्शन कुमार की अगुआई में आयोजित किए गए शिविर के दौरान फर्स्ट एड ट्रेनर नरेश पठानिया ने शिक्षार्थियों को अंतरराष्ट्रीय रेडक्रॉस लहर, फर्स्ट एड की महत्ता, घायलों को संभालने, बनावटी सांस देने व कार्डियो प्लमनेरी रिससिटेशन (सीपीआर) ढंग, जलने और झुलसने, जहरीले सांपों के डसने, कुत्तों के काटने के दौरान दी जाने वाली प्राथमिक सहायता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने मौखिक और प्रैक्टिकल ट्रेनिग के अलावा खूनदान और सेहत-संभाल संबंधी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि दिल का दौरा पड़ना एक मेडिकल इमरजेंसी है। ऐसे में घबराना नहीं चाहिए। मरीज को हौसला दें व उसे तुरंत प्राथमिक सहायता दें। उन्होंने बताया कि ऐसी गंभीर हालात में फर्स्ट एड में सीखी सीपीआर तकनीक किसी का जीवन बचा सकती है। इसमें छाती पर हथेली रखकर दबाते हुए हार्ट पंपिग करनी पड़ती है। अगर मरीज सांस न ले पा रहा हो तो मुंह के जरिए बनावटी सांस भी दी जा सकती है। यह ट्रेनिग रेडक्रॉस सहयोगी संस्था सेंट जॉन एंबुलेंस की ओर से प्राप्त की जा सकती है।
उन्होंने युवाओं व टीचर्स को अपील की कि वह जरूरत पडने पर फर्स्ट एड के जरिए किसी की मदद के लिए भी आगे आएं।