बठिंडा में पिता ने तीन बच्चों को मार शवों को लटकाया, खुद भी लगा दिया फंदा, सुसाइड नोट में लिखी ऐसी बात...
बठिंडा के गांव हमीरगढ़ में एक पिता ने अपने तीन बच्चों को मार डाला। इसके बाद उसने खुद भी फंदा लगाकर आत्महत्या कर दी। बताया जा रहा है कि उसकी पत्नी की एक माह पहले मौत हुई थी। इसके बाद से वह परेशान था।
बठिंडा [नितिन सिंगला]। बठिंडा गांव हमीरगढ़ में वीरवार सुबह एक दिल दलहाने वाली घटना हुई है। गांव के रहने वाले 32 वर्षीय एक व्यक्ति ने अपने तीन छोटे व मासूम बच्चों की पहली हत्या की और उनके शवों को फंदे से लटका दिया। इसके बाद खुद भी फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली है। घटना का पता चलने पर गांव वालों ने घर का दरवाजा तोड़ा और मामले की जानकारी पुलिस को दी गई।
थाना दयालपुरा पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लेने के बाद चारों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल रामपुरा फूल पहुंचाया गया। इस घटना के बाद जहां पर पूरे गांव में सनसनी फैल गई है, वहीं मासूम बच्चियों की मौत को लेकर शोक की लहर हैं। बच्चों की पहचान पांच वर्षीय बेटा प्रभजोत सिंह, तीन साल की बेटी खुशप्रीत कौर व सवा साल की बेटी सुखप्रीत कौर के तौर पर हुई।
बताया जा रहा हैं मृतक की पत्नी लवप्रीत कौर की करीब डेढ़ माह पहले कैंसर के कारण मौत हो गई थी। पत्नी की मौत के बाद तीनों बच्चों के पालन पोषण करने की जिम्मेदारी आने के कारण वह काम नहीं कर पा रहा था, जिसके चलते वह मानसिक परेशान भी रहने लगा था। शायद इसी मानसिक परेशानी के चलते उसने यह कदम उठाया हैं। गांव वालाें का कहना है कि मृतक बेअंत सिंह मेहनती व अनखी टाइप का व्यक्ति था। उसने कभी भी गांव के किसी भी व्यक्ति से एक रुपये उधार तक नहीं लिए।
वहीं, मरने से पहले उसने आठ पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उसने अपनी माैत के लिए किसी भी व्यक्ति को जिम्मेदार नहीं ठहराया है, जबकि अपनी पूरी जिंदगी की कमाई व मकान सामान आदि बेचकर उसे गांव गुरुद्वारा में दान करने की अपनी आखिरी इच्छा जाहिर की है।
मामले की जांच कर रहे थाना दयालपुरा के प्रभारी व इंस्पेक्टर अमनपाल सिंह व एसआइ मलकीत सिंह ने बताया कि मृतक की छोटी बहन रानी कौर के बयानों पर बच्चों की हत्या करने का मामला मृतक बेअंत सिंह पर दर्ज किया गया है, जबकि उसके खुदकुशी करने के मामले में आइपीसी की धारा 174 की कार्रवाई की गई है। पुलिस ने चारों शवों को पोस्टमार्टम करवाने के बाद गांववासियों की मदद से स्थानीय रामबाग में एक साथ अंतिम संस्कार करवाया गया।
बच्चियाें को चारपाई पर, तो बेटे को पंखे से लटका
मृतक बेअंत सिंह मानसिक तौर पर इस कदर परेशान था कि उसने बुधवरार देर रात को इस वारदात को अंजाम दिया। उसने अपनी तीन साल की बेटी व सवा साल की बेटी को एक कपड़े से बांधकर उन्हें चारपाई के दोनों तरफ लटका दिया, जिसे उनकी मौत हो गई। इसके बाद उसने अपने सबसे बड़े बेटे के गले में चुनरी बांधकर उसे भी कमरे में लगे पंखे से लटक दिया। उसकी मौत होने के बाद उसने उसी कमरे में लगी कुड़ी में फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली।
इसका पता वीरवार सुबह तब चला, जब उसकी बहन रानी कौर उसे बार-बार फोन कर रही थी, लेकिन वह फोन उठा नहीं रहा था। इसके बाद उसने पड़ोसियों को फोन कर अपने भाई से बात करवाने के लिए कहा। पड़ोसी घर पर पहुंचा, तो मेन गेट खुला हुआ था और अंदर बने दो कमरों में से एक कमरा बाहर से बंद था और दूसरा कमरा अंदर से बंद था।
शक होने पर गांवों वालों एकत्र कर जब दरवाजा खोला गया, तो सभी के शव लटक रहे थे। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। हालांकि, पुलिस यह मान रही है कि पहले बच्चों की हत्या की गई और उसके बाद खुद खुदकुशी की है, लेकिन बच्चों को फंदे पर लटकार हत्या की है या फिर पहले उनका गला घोंटा गया और उसके बाद ही उन्हें लटका गया हैं। इस पहलूू पर पुलिस जांच कर रही है। इसमें आशंका जताई जा रही है कि बच्चों की हत्या करने से पहले उन्हें किसी तरह की बेहोशी की दवा दी गई होगी, ताकि वह चिल्ला न सके। इसका खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही होगा।
पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसमें इस आशंका को क्लीयर करने में सहायता मिलेगी कि बच्चों को फंदे पर लटकाने से पहले बेहोश किया या फिर गला घोटकर हत्या की थी। आरंभिक जांच में बच्चों को किसी तरह से जहर आदि देने की बात सामने नहीं आई है।
मृतक ने आत्महत्या से पहले शायरी के अंदाज में सुसाइड नोट भी लिखा है, इसमें उसने अपनी पत्नी की मौत पर खुद को पागल करार देते हुए कहा कि उसकी पत्नी के साथ उसने जो वादे किए वह पूरे नहीं कर सका, क्योंकि पत्नी उसे छोड़कर परमात्मा के चरणों में चली गई है और अब वह भी उसके पास अपने बच्चों समेत जा रहा है।