ठेके पर जमीन देने वाले किसानों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के आदेश से रोष
विनोद जैन,सरदूलगढ़ अगर किसी किसान ने अपनी जमीन ठेके पर दी तो उसे जीएसटी के तहत 18 प्रतिशत टैक्स दे
विनोद जैन,सरदूलगढ़
अगर किसी किसान ने अपनी जमीन ठेके पर दी तो उसे जीएसटी के तहत 18 प्रतिशत टैक्स देना पडे़गा। जीएसटी में उस किसानों को राहत दी जाएगी, जो किसान अपनी जमीन का प्रयोग करता है, या फिर खुद काश्तकार हो।
केंद्र सरकार के इस आदेश से किसानों में रोष है। जो किसान अपनी जमीन को ठेके पर देता है उसे कारोबारी माना जाएगा। उस किसान को एक जून से 18 प्रतिशत टैक्स देना पडे़गा। इसके अलावा किसान को जीएसटी नंबर लेना पडे़गा ओर इनकम टैक्स रिटर्न भरनी पड़ेगी।
इसे लेकर आम आदमी पार्टी हलका सरदूलगढ़ के प्रधान व किसान सुख¨वदर ¨सह भोला मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों को जीएसटी के दायरे में लाकर किसान विरोधी होने का सबूत दिया है। आर्थिक तंगी से गुजर रहे किसान पर टैक्स लगा कर किसानों से धक्का किया गया है ।
किसान नेता कामरेड लाल चंद ने कहा कि केंद्र सरकार खेती को कारोबार मानना तुगलकी फरमान जारी कर किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर कर रही है। मोदी सरकार ने किसानों को ज्यादा मूल्य देने का वायदा किया था लेकिन अब किसानों पर टैक्स लगा कर किसान विरोधी होने का सबूत दिया है। अगर सरकार ने इस फैसले को वापिस न लिया तो जत्थेबंदी द्वारा कड़ा विरोध किया जाएगा ।
किसान बिकरजीत ¨सह साधूवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने यह फरमान जारी कर किसानों से धोखा किया है जिन किसानों के पास कम जमीन है और उसके पास खेती के साधन नहीं, वे अपनी जमीन को ठेके पर देकर गुजारा चला रहे हैं । उन्होंने केंद्र सरकार से टैक्स वापिस लेने की मांग की ।
इस संबध में आढ़तिया एसोसिएशन सरदूलगढ़ के प्रधान राज कुमार ने कहा कि किसानों पर आर्थिक बोझ डाला जा रहा है। किसानों पर टैक्स लगाने से आढ़तियों की परेशानी बढ़ेगी
टैक्स सलाहकार राकेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश के अनुसार जो किसान अपनी जमीन ठेके पर देगा उसे कारोबारी माना जाएगा और उसे 18 प्रतिशत जीएसटी टैक्स स्लैब में रखा गया है। यह आदेश जो एक जून से लागू होगा। इसके अलावा जो किसान जमीन ठेके पर देगा उसे इनपुट क्रेडिट की सुविधा नहीं मिलेगी।