सही नहीं चुनाव में जवानों की शहादत को राजनीति में भुनाना
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना की ओर से पाकिस्तान के अंदर घुसकर की गई एयर स्ट्राइक को जिस तरह से राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव के चलते इसे भुनाने की कोशिश की जा रही है उसे सभी गलत मानते हैं।
जागरण संवाददाता, बठिडा : पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना की ओर से पाकिस्तान के अंदर घुसकर की गई एयर स्ट्राइक को जिस तरह से राजनीतिक पार्टियों द्वारा चुनाव के चलते इसे भुनाने की कोशिश की जा रही है, उसे सभी गलत मानते हैं। दैनिक जागरण की तरफ से महासमर 2019 कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को गुरु नानक खालसा गर्ल्स कॉलेज में किए फेसबुक लाइव कार्यक्रम में सभी लेक्चरर्स से लेकर प्रिसिपल व डीन तक ने इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ सेंसेटिव इशू बताते हुए सियासी दलों के नेताओं से अपील की कि वे इसे चुनावी मुद्दा न बनाएं। बल्कि पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों व अन्य नुकसान की भरपाई के लिए आगे आएं।
कॉलेज की प्रिसिपल शैलजा मोंगा ने कहा कि इसे चुनावी मुद्दा बनाना बिलकुल गलत है। चाहे सत्ता पक्ष हो और चाहे विपक्ष हो, देश की सुरक्षा जैसे गंभीर मामलों पर किसी को भी राजनीति नहीं करनी चाहिए। डीन प्रो. एनके गोसाईं ने कहा कि सीमाओं पर सेना की ओर से देश की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। आतंकियों को सबक सिखाना उनकी ड्यूटी होती है। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी था। लेकिन इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। देश में चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, सभी को सेना का हौसला बढ़ाना चाहिए, ताकि वह हमेशा अपनी बहादुरी का परिचय देते रहें।
असिस्टेंट प्रो. जसविदर कौर के अनुसार हम इसे पॉलिटिकल मुद्दा नहीं बना सकते। बल्कि चुनाव में निष्पक्ष होकर ऐसे कैंडीडेट का चुनाव करना चाहिए, जोकि देश का भविष्य संवार सके। अस्टिटेंट प्रो. सावीप खुरमी ने कहा कि इस पर राजनीति करने की बजाए आतंकवादी हमले में जिन जवानों और लोगों का नुकसान हुआ है उनकी मदद के लिए आगे आना चाहिए। इस समय इन प्रभावित लोगों को मदद की जरूरत है। प्रो. रितिका ने कहा कि जिस तरह से इस मुद्दे पर राजनीति करके देश में डिफ्रेंस पैदा किए जा रहे हैं, यह बहुत ही खतरनाक है। एयर स्ट्राइक को चुनाव के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। प्रो. राजदीप कौर ने कहा कि सियासी दलों को इस पर आरोप-प्रत्यारोप करने की बजाए हुए नुकसान की भरपाई के लिए कुछ करना चाहिए। ताकि प्रभावित सैनिकों व आम लोगों का जीवन फिर से सामन्य हो सके।
इस दौरान ही मौजूद पंजाबी यूनिवर्सिटी रीजनल सेंटर के प्रोफेसर डॉ. सतनाम सिंह जस्सल ने कहा कि फौज के मामलों में देश की सुरक्षा के साथ जुड़ी गुप्त नीतियां भी होती हैं। अगर इस तरह की घटनाओं को हम राजनीति में उछालेंगे तो गुप्त नीतियां भी उजागर हो जाती हैं। जिसका देश विरोधी ताकतें फायदा उठा सकती हैं। इसलिए राजनीतिक पार्टियों को सुरक्षा जैसे संजीदा मसलों से जुड़ी घटनाओं का सियासी लाभ नहीं उठाना चाहिए।